5 Dariya News

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट घड़ूंआं के दीक्षांत समारोह के दौरान ७५० विद्यार्थियों को प्रदान की डिगरियां

ऑइशर ग्रुप के चेयरमैन एस. संधलिया ने ६५० ग्रैजुएट और १५० पोस्ट ग्रैजुएट विद्यार्थियों को बाँटीं डिगरियाँ

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घड़ूंआं 05-Sep-2015

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (यू.आई.ई.) घड़ूंआं की कनवोकेशन दौरान ऑइशर ग्रुप के चेयरमैन एस. संधलिया ने ६५० ग्रैजुएट और १५० पोस्ट ग्रैजुएट कुल 750 इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को डिगरियाँ प्रदान की गईं। २०१४ बैच के पास आउट इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के लिए आयोजित दीक्षांत समारोह के मुख्य मेहमान एस. संधलिया ने कहा कि शैक्षिक संस्थायों में से हासिल की रस्मी डिगरी जि़दगी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव ज़रूर है, परन्तु वह इसको अपना जि़दगी का स्थान न मान लें। क्योंकि व्यक्ति जि़दगी का असली ज्ञान तो अपने कैरियर और निजी जीवन के मीठे कड़वे तजुर्बों के द्वारा ही ग्रहण करता है। इस लिए अकादमिक शिक्षा मुकम्मल करने के उपरांत डिगरियाँ हासिल करने वाले विद्यार्थियों को अब अपना पूरा ध्यान सैल्लफ लर्निंग पर केंद्रित करना चाहिए। 

एस. संधलिया जो कि भारत में हरी क्रांति लाने वाले विश्व प्रमुख ऑइशर ग्रुप के चेयरमैन हैं ने विद्यार्थियों को टीम वर्क में काम करते हुए प्रोफेशनल कैरियर की बुलन्दियाँ छूने के साथ-साथ एक आदर्श मनुष्य और देश के एक ज़िम्मेदार नागरिक के तौर पर आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। सांधलिया ने यूनिवर्सिटी द्वारा खोज और इनोवेशनज़ के लिए स्थापित किये गए इंटरप्रीन्योरशिप सैल्ल की श्लाघा करते हुए कहा कि किसी निजी संस्था द्वारा खोज कार्यों प्रति इतनी संजीदा सोच आपनाना विद्यार्थियों के सुनहरी भविष्य के लिए बहुत ही प्रगतिशील कदम है। इस मौके उनहोने विद्यार्थियों द्वारा तैयार किये अलग-अलग खोज भरपूर प्रोजेक्टों का निरीक्षण और यूनिवर्सिटी के छिमाही खोज रसाले 'सी. यू. ग्लोबल रिर्सच का चौथा अंक भी रिलीज किया। यहाँ यह जि़क्रयोग्य है कि वॉलवो ऑइशर द्वारा देश में पहली बार चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के साथ ईंज. विद्यार्थियों के प्रशिक्षण प्रोग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण इकरार किया गया है, जिस के अंतर्गत पहले बैच के विद्यार्थी वॉलवो ऑइशर की ट्रेनिंग पूरी करने के उपरांत कंपनी में रोजग़ार के नियुक्ति पत्र भी हासिल कर चुके हैं।चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू ने इस मौके कहा कि किसी भी संस्था की कामयाबी उसके अलूमनी भाव पढ़ चुके विद्यार्थियों की सफलता में से ढूँढी जा सकती है। 

उन्होंने कहा कि इस पक्ष से यूनिवर्सिटी अपने मिशन में सफल रही है क्योंकि आज डिगरियाँ प्राप्त करने वाले बहु-संख्या इंजीनियरिंग विद्यार्थी या तो मलटीनैशनल कंपनियों में अच्छे तनख़्वाह पैकेजों  पर रोजग़ार प्राप्त कर चुके हैं या किताकारी की मानक उच्च-शिक्षा हासिल करके सफलता के साथ अपने कारोबार स्थापित कर रहे हैं। उनहोने कहा कि चाहे ज़्यादातर इंजीनियरिंग विद्यार्थी डिगरी प्राप्त करने से पहले ही कई-कई मल्टीनेशनल कंपनियों में रोजग़ार की पेशकश प्राप्त करके आर्थिक पक्ष से निश्चिंत हो चुके हैं, परन्तु उनको जि़दगी की दूसरी सुख सहूलतों के साथ-साथ देश और समाज प्रति अपने कर्तव्यों को भी बाखूबी निभाउना चाहिए। इस लिए उनको अपनी, इंसानी जि़मेवारियों के अंतर्गत एक आदर्श मानव के तौर पर समाज में अपनी और अपनी संस्था की विलक्षण पहचान बनानी चाहिए। इस मौके कॉनवोकेशन में विशेष मेहमान के तौर पर पहुँचे वॉलवो ऑइशर कमर्शियल वहीकल के मानवीय साधनों के वाइस प्रैज़ीडैंट अमनप्रीत सिंह भाटिया, सी. यू. के उप कुलपति डॉ. आर. एस. बावा, प्रो. उप कुलपति डॉ. बी. एस. सोही, रजिस्ट्रार डॉ. डी. एस. चीमा, डीन इंजीनियरिंग डॉ. गुरदीप सिंह के इलावा समूह डायरेक्टर , डीन, विभाग प्रमुख और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के माता पिता भी मौजूद थे।