5 Dariya News

अमृतसर एवं मोहाली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर पर्यटकों को आन अराइवल वीज़ा दिया जाये -सोहन सिंह ठंडल

विरासती एवं धार्मिक पर्यटकों के लिए पंजाब को सर्वोत्तम स्थान बताया

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चंडीगढ़ 03-Sep-2015

पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री सोहन सिंह ठंडल ने राज्य को विरासती, धार्मिक सैलानियों के लिए सर्वोत्तम स्थान बताते हुये भारत सरकार से मांग की है कि अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और मोहाली में नये बने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में सैलानियों को आन अराइवल वीज़ा दिया जाये। स. ठंडल ने यह बात पंजाब के 7 दिनों के दौरे पर आये 10 देशों के 32 विद्यार्थीयों को सैक्टर 24 स्थित होटल पार्क व्यू में विदायगी देने के पश्चात कही। पंजाब के विभिन्न शहरों के दौरे के अवसर पर राज्य के विरासती, एतिहासिक, धार्मिक स्थानों से बेहद प्रभावित हुये विद्यार्थीयों से मुलाकात के पश्चात स. ठंडल ने कहा कि यह विद्यार्थी इंडियन ओवरसीज़ मंत्रालय के 'भारत को जानिए (नोअ इंडिया) कार्यक्रम के 35वें एडीशन के तौर पर पंजाब के 7 दिवसीय दौरे पर आये थे। 

उन्होंने कहा कि पंजाब में विरासती, ऐतिहासिक, फार्मिन्ग टूरिज्म, धार्मिक सैलानियों के लिए और अधिक संभावनांए हैं परंतु विदेशों से आने वाले सैलानियों को दिल्ली के रास्ते आने से सफर लंबा हो जाता है। उन्होंने कहा कि यदि मोहाली एवं अमृतसर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर सैलानियों को आमद पर ही वीज़ा देने की सुविधा आरंभ की जाये तो सैलानियों की संख्या और बढ़ सकती है जिससे राज्य की आर्थिकता को बड़ा प्रौत्साहन मिलेगा। उन्होंने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के आगे यह मांग रखी। स. ठंडल ने विद्यार्थीयों के दौरे संबंधी जानकारी देते हुये बताया कि यह 21 दिनों के भारत दौरे पर आये हैं जिसमें से 14 दिन दिल्ली और आगरा में घूम कर आये हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब ने पारटरन स्टेट के तौर पर 10 देशों से आये 32 विद्यार्थीयों की मेज़बानी करते हुये इनको स्टेट गेस्ट घोषित किया था। पंजाब के 7 दिवसीय दौरे के अवसर पर इन विद्यार्थीयों ने श्री अमृतसर साहिब में हरमंदिर साहिब, दुर्गयाणा मंदिर, जलियांवाला बाग, अटारी वाघा अंतरराष्ट्रीय सीमा कपूरथला में साईस सिटी, पुरातन किला, श्री आनंदपुर साहिब में विरासत-ए-खालसा, तख्त श्री केशगढ़ साहिब, पटियाला में किला मुबारकपुर, शीश महल, चप्परचिड़ी में बाबा बंदा सिंह बहादर यादगार एवं चंडीगढ़ की विभिन्न पर्यटक स्थानों का दौरा किया। 

स. ठंडल ने कहा कि पंजाब सरकार विरासती स्थानों को विशेष तवज्जो देते हुये इन सैलानियों के लिए आकर्षण भरपूर बनाया है। पुरातन धरोहर की संभाल के साथ कई और विरासती यादगारें निर्मित की हैं। जिनमें विरासत-ए-खालसा, चप्परचिड़ी में बाबा बंदा सिंह बहादर यादगार, बड़ा एवं छोटा घल्लूघारा आदि प्रमुख हैं। जंग-ए-आजादी यादगार भी शीघ्र तैयार हो जायेगी। विद्यार्थीयों ने स. ठंडल से मुलाकात के दौरान पंजाब सरकार द्वारा की मेहमान निवाज़ी के लिए धन्यवाद किया। इस अवसर पर स. ठंडल ने मलेशिया से आये विद्यार्थीयों के साथ उनकी स्थानीय भाषा मिलाई में भी बात की जिससे विद्यार्थी बहुत खुश एवं प्रभावित हुये।इस ग्रुप में इज़राइल के आठ, मोरिश्यस के पांच, फ्रांस एवं दक्षिण अफ्रीका के चार-चार, त्रिनिदाद टूबगो के तीन, मलेशिया, फिज़ी एवं म्यांमार के दो-दो और कनाडा एवं श्री लंका का एक विद्यार्थी शामिल था। इंडियन ओवसीज़ मंत्रालय द्वारा वर्ष में चार ग्रुपों को देश के दौरे पर बुलाया जाता है। इस ग्रुप में ऐसे विद्यार्थी शामिल किये जाते हैं जिनके पिता -पूर्वज भारत से संबंधित होते हैं ताकि इनको भारत का दौरा करवाकर अपनी जड़ों से जुडऩे का अवसर दिया जाये। दिल्ली के लिए रवाना होने से पूर्व स. ठंडल ने गत् रात्रि सैक्टर-24 स्थित होटल पार्क व्यू में विद्यार्थीयों को विदायगी भोज दिया। इस अवसर पर विद्यार्थीयों के विभिन्न दलों ने मंत्री के साथ फोटो खिचवाये। इस अवसर पर पंजाब हेरीटेज एंड टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड के कार्यकारी निदेशक श्री वसंता राजकुमार, ग्रुप के साथ तैनात नोडल अधिकारी श्री हरसिमरन भूल्लर भी उपस्थित थे।