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चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के इंजी. विद्यार्थियों ने बनाई 'फ़ारमूला १ रेसिंग कार

'सुपरा फ़ारमूला १ रेसिंग कार -२०१५ के पहले दौर में तकनीकी सफलता हासिल करने वाली उ8री भारत की अकेली यूनिवर्सिटी बनी

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घड़ूंआं 05-Aug-2015

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं के मकैनिकल इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को ऑटोमोबाइल खोज के क्षेत्र में बड़ी सफलता हाथ लगी है। यूनिवर्सिटी की १८ सदस्य टीम 'इनकॉरनेशन अल्फा द्वारा यूनिवर्सिटी के खोज केंद्र में डेढ़ साल की सख़्त मेहनत के बाद तकनीकी खोज की नवीनतम ख़ूबियों से भरपूर ऐसी 'फ़ारमूला १ रेसिंग कार तैयार की गई है, जिसने सोसाईटी ऑफ ऑटोमेटिव इंजीनियजर् द्वारा चेनई में करवाए गए राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध खोज मुकाबले 'सुपरा फ़ारमूला १ रेसिंग कार-२०१५ का टैकनिकल राउंड पहली बार में ही पास करने का ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया है। इस तरह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं उरी भारत की अकेली यूनिवर्सिटी बन गई है, जिसने अपने बेहतरीन तकनीकी सामथ्र्य की वजह से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध प्राप्त कर चुके इस खोज मुकाबले का टैकनिकल राउंड पहली बार में ही पास कर लिया। यूनिवर्सिटी की टीम को यह राष्ट्रीय खोज प्राप्ति देश भर की १६७ वकारी टीमों के साथ हुए सख़त तकनीकी खोज मुकाबले के बाद हासिल हुई।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के इस महत्वपूर्ण खोज प्रोजै1ट 'फ़ारमूला १ रेस कार के फेकल्टी कोऑरडीनेटर प्रो. अविन्दर सिंह मान और विद्यार्थियों की टीम के कैप्टन निखिल आनंद ने आज यहाँ जानकारी देते बताया कि इस 'फ़ारमूला १ कार की विलक्षण विशेषता यह है कि इस को जहाँ अलग-अलग हिस्सों के रूप में जोडऩे की जगह केवल एक ही हिस्से के रूप में तैयार किया गया है वहीं फऱारी की तजर् पर इसके इंजन का प्रयोग केवल पॉवर जनरेशन तक सीमित रखने की वजाए उसको भार सहने वाली व्यवस्था का ही एक हिस्सा बना दिया गया है, जो इसके वजऩ को कम रखने में बड़ा मददगार साबित हुआ है। उनहोने बताया कि ५०० सी. सी. के इंजन वाली इस कार को तैयार करने पर कुल ८ लाख रुपए का ख़र्च आया।चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू ने विद्यार्थियों को इस खोज प्राप्ति पर बधाई देते कहा कि व्यावहारिक शिक्षा पर आधारित खोज देश को तकनीकी तौर पर आत्मनिरभर बनाने में अहम योगदान दे सकती है। उनहोने कहा कि हमें इस बात की बेहद ख़ुशी है कि हमारे विद्यार्थियों की खोज प्राप्तियों को ऑटोमोबाइल और मकैनिकल क्षेत्र की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा भी ख़ूब सराहना मिल रही है। उनहोने कहा कि ऐसे राष्ट्रीय खोज मुकाबले जहाँ विद्यार्थियों को खोज के लिए उत्साहित करते हैं वहीं उनको अंत्र-राष्ट्रीय खोज मुकाबलों के लिए तैयार करने में भी अहम कड़ी साबित होते हैं। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं के डीन रिर्सच डॉ. एस. एस. सहगल ने कहा कि मारुति सुज़ूकी द्वारा स्पांसर और टाटा, महेन्दरा, फौ1सवैग्न जैसी दिग्गज कंपनियों के माहिरों की देख रेख में करवाए गए इस 'एस. ए. ई. सुपरा राष्ट्रीय मुकाबले में सफल रहे विद्यार्थियों को आगे 'एस. ए. ई. सुपरा इंटरनेशनल में हिस्सा लेने के लिए विदेश भेजा जाएगा।