5 Dariya News

पैंथर्स ने दी बाल गंगाधर तिलक को श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली 01-Aug-2015

आज पैंथर्स पार्टी कार्यालय में मुख्य संरक्षक प्रो. भीमसिंह के अध्यक्षता में बाल गंगाधर तिलक के 85वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि दी। प्रो. भीमसिंह ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभायी व समाज में सुधार लाने के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किये।बाल गंगाधर तिलक हिन्दुस्तान के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक और स्वतन्त्रता सेनानी थे। ये भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता थे। इन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठायी। इनका यह कथन कि ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा‘ बहुत प्रसिद्ध हुआ। इन्हें आदर से ‘लोकमान्य‘ (पूरे संसार में सम्मानित) कहा जाता था। इन्हें हिन्दू राष्ट्रवाद का पिता भी कहा जाता है।तिलक ने भारतीय समाज में कई सुधार लाने के प्रयत्न किये। वे बाल विवाह के विरुद्ध थे। 

उन्होंने हिन्दी को सम्पूर्ण भारत की भाषा बनाने पर जोर दिया। महाराष्ट्र में उन्होंने सार्वजनिक गणेशोत्सव की परम्परा प्रारम्भ की ताकि लोगों तक स्वराज का सन्देश पहुंचाने के लिए एक मंच उपलब्ध हो सके। भारतीय संस्कृति, परम्परा और इतिहास पर लिखे उनके लेखों से भारत के लोगों में स्वाभिमान की भावना जागृत हुई। सन 1919 ई. में कांग्रेस की अमृतसर बैठक में हिस्सा लेने के लिये स्वदेश लौटने के समय तक तिलक इतने नरम हो गये थे कि उन्होंने मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों के जरिये स्थापित लेजिस्लेटिव कौंसिल (विधायी परिषद) के चुनाव के बहिष्कार की गान्धी की नीति का विरोध ही नहीं किया। इसके बजाय तिलक ने क्षेत्रीय सरकारों में कुछ हद तक भारतीयों की भागीदारी की शुरुआत करने वाले सुधारों को लागू करने के लिये प्रतिनिधियों को यह सलाह अवश्य दी कि वे उनके प्रत्युत्तरपूर्ण सहयोग की नीति का पालन करें। 

मरणोपरान्त श्रद्धांजलि देते हुए गान्धी जी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा और जवाहरलाल नेहरू ने भारतीय क्रान्ति का जनक बतलाया। ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा‘ का नारे देने वाले हिन्दू राष्ट्रवाद के पितामह लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का 1 अगस्त, 1920 ई. को मुम्बई में देहान्त हुआ था।इस सभा में उपस्थित राजीव जौली खोसला, कलीराम तोमर, स्वामी ओमजी, आर.पी शर्मा, के.के. राघव, भवानी महाराज, बलविंदर कुमार, संतोष सुमन, चमन नागर, कुलदीप कुमार, ए.जे. राजन, कालीदास, जाहिद अहमद, मोहम्मद फहीम आदि अनेक देशभक्त उपस्थित थे।