5 Dariya News

किसानों की अधिग्रहण की गई जमीन के मामले को लेकर चलाया गया अनिश्चितकालीन जाम में बदला

5 Dariya News (राजकुमार अग्रवाल)

कैथल 23-Jul-2015

राष्ट्रीय राजमार्ग 65 के लिये किसानों की अधिग्रहण की गई जमीन के मामले को लेकर चलाया गया अनिश्चितकालीन धरना बृहस्पतिवार को अनिश्चितकालीन जाम में बदल दिया गया। जाम लगाने से पूर्व कई नेताओं ने अपने विचार रखे।  अनिश्चितकालीन जाम की सूचना पाकर जिला प्रशासन के द्वारा अपने अधिकारी भी भेजे गये, परन्तु कोशिश विफल रही। इतना ही नही जिला पुलिस की लापरवाही भी देखने को मिली, जिससे दिन भर यात्री को परेशानी का सामना करना पड़ा और अपने वाहन नजदीकी गांवों से निकालने पड़े। जाम का दोषी कैथल के उपायुक्त को ठहराया गया।  गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 65 के लिये किसानों की अधिग्रहण की गई जमीन के कम भाव को लेकर किसानों द्वारा 21 जुलाई से धरना दिया जा रहा है। उसी दिन कैथल के उपायुक्त को इस मामले में एक ज्ञापन भी दिया गया था। उपायुक्त को इस बारे में आज तक का समय दिया गया था। जब उपायुक्त की ओर से कोई जवाब नही आया तो सुबह किसानों की एक बैठक हुई। 

बैठक में कहा गया कि जिला प्रशासन किसानों को कमजोर समझ रहा है, परन्तु किसान कमजोर नही है। उसके बाद किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम चढुनी, कर्मवीर सेगा, भूरा राम पबनावा, सुरेश कोथ, कांग्रेसी नेता रणवीर मान उर्फ बोबी मान, पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा, किसान नेता  धर्मपाल छोत, महिला नेता संतरों देवी आदि ने भी जनसभा को सम्बोधित किया गया और इस मामले के अलावा अन्य मामले को लेकर भी भाजपा कि प्रदेश व केन्द्र सरकार की धज्जियां उड़ाई गई। सभी नेताओं ने इस सरकार को किसान विरोधी बताते हुये कहा कि इनको राज चलाना नही आता। उसके बाद लगभग 12 बजे अनिश्चित कालीन जाम लगाने का निर्णय लेने पा तीतरम मोड़ पर जाम लगा दिया गया। मोड़ पर कैथल रोड़, हिसार रोड़ व जींद रोड़ को ट्रैक्टर ट्रालियों को खड़ा करके जाम लगाया। भयंकर गर्मी व धूप के बाद भी किसान जाम पर डटे रहे। बड़े वाहन जो क्या छोटे वाहन भी गुजरने नही दिये गये। जाम में महिलाओं ने भी डट कर भाग लिया।  जाम को जिला पुलिस ने लिया हल्के में परेशान हुई जनता।किसानों के द्वारा बृहस्पतिवार को तीतरम मोड़ पर लगाये गये जाम को हल्के में लिया, जिससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा और खास कर दो पहिया वाहन चालकों को। 

जाम की सूचना बुधवार को ही मिल गई थी, परन्तु इसके बाद भी जिला पुलिस के द्वारा कोई ठोस उपाय नही किये गये। कुछ जगह पर मात्र एक दो पुलिस कर्मी ही खड़ा दिखाई दिया। जो जनता कभी- कभी रास्ता बता देते थे। परन्तु अधिक वाहन चालकों को अपने वाहन वापिस मोड़ कर विभिन्न रास्तों से जाना पड़ा। दो पहिये वाहन चालक यह सोच कर जाम के स्थान पर जाते रहे कि उनको निकलने के लिये थोड़ा रास्ता तो मिल ही जायेगा, परन्तु अफसोस इस बात का रहा कि जाम के चारों ओर कोई पुलिस कर्मी नही था। पुलिस वालों का कार्य खुद जाम लगाने वाले किसानों के द्वारा किया हुआ था। इतना जरूर देखने को मिला कि पुलिस वाले धूप से बचते हुये थाने के अन्दर खड़े दिखाई दिये। 

गर्मी से बचाने के लिये, लिया गया बड़े ट्रैक्टर पंखों का सहारा 

किसानों के द्वारा रोड़ जाम चौंक के बीच में धूप में बैठ कर किया गया। इससे पुरुषों व महिलाओं को गर्मी का सामना करना पड़ा। फिर किसानों के द्वारा इस गर्मी से बचाने के लिये ट्रैक्टर के बड़े- बड़े पंखे चलाये गये और उनकी हवा में पुरुष व महिलाएं धूप में ही बैठी रही। कुछ लोग तो अपना कपड़ा गिला करके धूप में सोते नजर आये। उधर अपने सम्बोधन में संतरों ने कहा कि हम कोई अमीर व्यक्ति की औलाद नही, गर्मी व धूप से डऱ जायेंगे। हमने गर्मी व धूप में ही जिंदगी गुजारी है। 

जाम खुलवाने नही अपितु किसानों की मंशा जांचने के लिये अधिकारी मिले समिति से 


जिला प्रशासन के द्वारा किसानों की मंशा जांचने के लिये अपने दो अधिकारी गुहला- चीका एस डी एम बीर सिंह काली रमन व मुख्यालय कैथल के डी एस पी टेकन राज शर्मा को भेजा गया। इन दो अधिकारियों ने समिति के सदस्यों को बुला कर पूछा कि वे क्या चाहते है। इस पर जब पत्रकारों ने इन अधिकारियों से इस बातचीत के बारे में जानना चाहा तो ये कनी काटते नजर आये, परन्तु किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम सिंह व समिति के सदस्यों ने बता कि हमने अपनी मांग रखी है कि वर्ष 2013 में जो नोटिसफ्किसन सरकार के द्वारा जिस तारीख को जारी किया गया था, उस तारीख को जमीन का मार्केट भाव न कि कलेक्टर रेट लगाकर, उसको दो गुणा करके और साथ में ब्याज लगाकर किसानों को दे। शहर से पांच किलोमीटर के हिसाब से नापते हुये हर पांच किलोमीटर पर इसमें 10 प्रतिशत कि वृद्धि करे। बस यही छोटी सी मांग है, जो सरकार तक जायेगी। जब तक कोई जवाब नही आता, तब तक जाम यथा स्थिति रहेगा। बाद में अगली रणनीति तय कि जायेगी।  

ग्रामीण विकास मंत्री विरेन्द्र सिंह के साथ हुई थी बात- जय प्रकाश 


इस बारे में जब फोन पर कलायत विधायक जय प्रकाश से जाना गया तो उसने बताया कि उनकी बात केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को अवगत करवा दिया कि वे नितिन गडकरी से बात करे कि या तो ऊपर गामी पूल बनाया जाये, ताकि किसानों की जमीन अधिग्रहण न हो या इसका भाव बढ़ाया जाये। उन्होंने जल्दी ही मिलने का भरोसा दिलवाया है।