5 Dariya News

दुर्लभ तकनीक से बचाई गई मस्तिष्काघात पीड़िता

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गुड़गांव 13-Jul-2015

मस्तिष्काघात से पीड़ित एक 25 वर्षीय महिला का यहां एक अस्पताल के चिकित्सकों ने दुर्लभ तकनीकी का इस्तेमाल कर सफलतापूर्वक इलाज किया। चिकित्सकों ने सोमवार को बताया कि मस्तिष्काघात के बाद महिला बेहोश हो गई थी। हिना खान नामक महिला को उल्टी के साथ सिर में दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। उसके परिजन उसे स्थानीय अस्पताल ले गए, जहां सीटी स्कैन से पता चला कि उसे सबरेकेनॉइड मस्तिष्काघात हुआ है। मेग्नेटिक रेजोनेंस (एमआर) एंजियोग्राफी से पता चला कि एक मुख्य रक्त वाहिका में सूजन आ गई थी और वह फट गई थी। हिना को एक और मस्तिष्काघात की संभावना थी, इसीलिए उसे तुरंत मेदांता मेडिसिटी रेफर कर दिया गया।

पूरी स्थिति का आंकलन करने के बाद मुख्य सर्जन ने पाया कि मस्तिष्क में मौजूद एक रक्त वाहिका फूल गई और वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। गुप्ता ने कहा, "मस्तिष्क की वाहिकाएं फूलने के ज्यादातर मामलों में चिकित्सक कोइलिंग प्रक्रिया के माध्यम से वाहिका की सूजन को कम कर सकते हैं और रक्त वाहिका में सामान्य प्रवाह कर सकते हैं। इस मामले में हालांकि मुख्य रक्त वाहिका ही बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।"चिकित्सकों ने इसके बाद दुर्लभ प्रक्रिया का इस्तेमाल करने का फैसला किया। इस प्रक्रिया को ब्रेन एन्यरिज्म कोइलिग कहते हैं। इस प्रक्रिया में रक्त वाहिकाओं और रक्त स्त्राव को बचाने के लिए मुख्य रक्त वाहिका में कई स्टेंट प्रतिस्थापित कर दिया। 

इसके साथ ही उन्होंने सूजन वाले भाग में रक्सतस्त्राव रोकने के लिए धातु के छल्ले प्रतिस्थापित किए।सर्जरी करने के छह सप्ताह बाद चिकित्सकों ने एंजियोग्राफी के माध्यम से सुधार का आकलन किया। उन्होंने पाया कि उपचार प्रक्रिया ने रक्त धमनियों का पूरी तरह से उपचार कर दिया है। चिकित्सकों ने कहा कि हिना पर उपचार का असर धीरे-धीरे दिखा और अब वह साधारण जीवन व्यतीत कर रही है।