5 Dariya News

टीएपीआई परियोजना भारत-तुर्कमेनिस्तान ऊर्जा संबंधों का प्रमुख आधार

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अशगाबात (तुर्कमेनिस्तान) 11-Jul-2015

भारत तथा तुर्कमेनिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (टीएपीआई) पाइपलाइन परियोजना को शनिवार को दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में प्रमुख आधार करार दिया। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बरदीमुहमदोव तथा प्रधानमंत्री मोदी के बीच बैठक तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों देशों के नेताओं ने माना है कि टीएपीआई परियोजना के क्रियान्वयन का दोनों देशों के बीच के व्यापार पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा और दोनों ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्रीय परियोजना के जल्द क्रियान्वयन के लिए कदम उठाने का फैसला किया। बयान के मुताबिक, "उन्होंने अशगाबात में नवंबर 2014 में टीएपीआई लिमिटेड को स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के रूप में स्थापित किए जाने का स्वागत किया है और कहा है कि इस रणनीतिक परियोजना के क्रियान्वयन में यह मील का पत्थर साबित होगा।"

बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने रसायन व पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के साथ ही तुर्कमेनिस्तान में ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) का प्रतिनिधि कार्यालय खोलने का स्वागत किया है।नेताओं ने तुर्कमेनिस्तान की तुर्कमेन्हिमिया तथा भारत के राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का स्वागत किया है। बयान के मुताबिक, "इस साल के अंत तक दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, निवेश तथा आर्थिक सहयोग का स्तर बढ़ाने को लेकर सक्रिय रूप से काम करने पर सहमति जताई।"नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने तथा ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल्स, परिवहन, संचार, सूचना-प्रौद्योगिकी, वस्त्र उद्योग, रसायन एवं दवा इंडस्ट्री, निर्माण तथा कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र को दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया।

बयान के अनुसार, "नेताओं ने अशगाबात में आठ अप्रैल को व्यापार, अर्थव्यवस्था, वैज्ञानिक व प्रौद्योगिकी सहयोग पर तुर्कमेन-भारत अंतरसरकारी संयुक्त आयोग के सफल समापन का स्वागत किया।"

संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने सुरक्षा खतरों से निपटने को लेकर जारी सहयोग को और गहरा करने पर सहमति जताई और सीमा पार खतरों जैसे आतंकवाद, संगठित अपराध तथा मादक पदार्थो की तस्करी के खिलाफ प्रयास को और तेज करने पर सहमति जताई।

मोदी के दौरे के दौरान दोनों देशों ने एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया, जो उच्च तथा मध्यम स्तर के दौरों, दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों तथा प्रासंगिक संगठनों के बीच प्रशिक्षण व वार्ता द्वारा द्विपक्षीय रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेगा। बयान में कहा गया है, "नेताओं ने मध्य एशिया के अन्य देशों तथा कैस्पियन क्षेत्र में एक प्रवेश मार्ग के रूप में तुर्कमेनिस्तान के महत्व को स्वीकार किया और माल ढुलाई के लिए परिवहन गलियारा तथा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की एक-दूसरे की पहल का समर्थन करने पर सहमति जताई।"तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने भारत तथा मध्य एशिया के बीच माल ढुलाई के लिए इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के प्रयास की सराहना की।बयान के मुताबिक, "तुर्कमेनिस्तान सरकार द्वारा वांछित क्षेत्रों में नए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में भारत की तत्परता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कमेनिस्तान को अवगत कराया, जिसका राष्ट्रपति ने स्वागत किया।"सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्र में दोनों देशों के नेताओं ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग के कार्यक्रमों को पूरा करने का आह्वान किया।