5 Dariya News

नशाखोरी का समय रहते पता लगाने के लिए जागरूकता अभियान हुआ लॉन्च

पंजाब भर में 1 लाख से भी ज्यादा जागरूकता फोल्डर बांटे जाएंगे

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चंडीगढ़ 11-Jul-2015

डॉक्टरों के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति में दुर्बल तालमेल के लक्षण, लाल आंखें, पुतलियां सामान्य से बड़ी या छोटी नजर आएं, वह अचानक से गुस्सा होने लगे या बहुत तेजी से कोई काम करने लगे तो हो सकता है कि ये नशाखोरी के शुरुआती लक्षण हों। ऐसे लक्षणों का समय रहते पता लगने से किसी दोस्त या परिवार के सदस्य को इस खतरनाक समस्या से बचाया जा सकता है।इसी बात को ध्यान में रखते हुए पंजाब भर में नशों के खिलाफ एक सकारात्मक आंदोलन छेडऩे वाली जोशी फाउंडेशन ने आज अपना जागरूकता फोल्डर रिलीज किया जिसके जरिए लोगों को नशाखोरी के शुरुआती लक्षणों के बारे में शिक्षित और जागरूक किया जाएगा।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद अविनाश राय खन्ना, केंद्रीय मंत्री विजय सांपला और पंजाब सरकार के सहायक मीडिया सलाहकार और जोशी फाउंडेशन के चेयरमैन विनीत जोशी ने आज बताया कि जुलाई के महीने के अंदर ही ऐसे 1 लाख फोल्डर राज्य में बांटे जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके और बेहतर परिणाम हासिल हों।

लीडरों ने कहा कि पंजाब भर में ये फोल्डर बांटे जाएंगे ताकि मां-बाप और समाज के बाकी लोग नशाखोर की पहचान कर सकें और उसे सइ समस्या से लडऩे में मदद कर सकें। ये फोल्डर बड़े तौर पर स्कूलों, शिक्षा संस्थानों, उद्योग भूमि, बस अड्डों, इत्यादि पर बांटे जाएंगे।खन्ना, सांपला और जोशी ने एकमत होकर कहा, 'यह उस सकारात्मक आंदोलन का हिस्सा है जिसमें किसी पर इल्जाम लगाए बिना इस समस्या से लडऩे के समाधान पर फोकस किया जा रहा है। समय रहते समस्या को पकड़ लिया जाए तो काफी मेहनत बच जाती है।उन्होंने कहा कि नशा करने वाले अक्सर अपने लक्षणों को छुपाने की कोशिश करते हैं और अपनी परेशानी को तवज्जो नहीं देते जो कि उसको और बड़ा बना देती है। खन्ना ने कहा, 'इस पहल के साथ इसी अभिप्राय पर वार किया जाएगा। फोल्डर में भूख, सोने की आदत में बदलाव, अचानक वजन के घटने या बढऩे, सांस, शरीर और कपड़ों में से बदबू आने, वाणि के असहज होने, अकेलेपन की मांग करने जैसी चीजों पर फोकस किया गया है। यही सब बातें हैं जिनसे नशाखोर की पहचान की जा सकती है।

पंजाब में जोशी फाउंडेशन के पिछले छह महीने से निरंतर चल रहे इस एंटी-ड्रग कैंपेन से न सिर्फ एक बेहतर बदलाव आ रहा है बल्कि ऐसा पहली बार हुआ कि पंजाब में सरकार, एनजीओ  और राजनीतिक पार्टियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस और अवैध व्यापार दिवस भी मनाए गए।पिछले छह महीनों में जोशी फाऊंडेशन द्वारा करवाई गई गोलमेज प्रैस कांफ्रेंसों में सामने आए तथ्यों पर खन्ना, सांपला और जोशी ने कहा कि नशाखोरी बड़े तौर पर परिवर्तन के समय पर बढ़ती है जैसे स्कूल बदलने पर, नई जगह पर जाने या तलाक होने पर। लीडरों ने कहा, 'मां-बाप के लिए चुनौती यह है कि किशोरावस्था में बच्चे की जिंदगी में आए बदलावों पर नजर कैसे रखें। समय रहते कदम उठाया जाए तो जिंदगी बचाई जा सकती है।जनवरी 2015 से जोशी फाउंडेशन ने कम से कम 17 एंटी-ड्रग प्रोग्राम आयोजित किए हैं। शुरुआत चंडीगढ़ में राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस से हुई जिसमें सामाजिक लीडरों ने हिस्सा लिया और समाधानों पर बात हुई। इसके बाद पठानकोट में जन शपथ ग्रहण समारोह, नवांशहर में कॉन्फ्रेंा, चंडीगढ़ में जमीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस, जलियांवाला बाग अमृतसर में जन शपथ ग्रहण समारोह, होशियारपुर में संत समाज की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस, बटाला में नशा मुक्त पंजाब सेमिनार, लुधियाना में शिक्षकों की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस, जीरा में सेमिनार और मोहाली और खन्ना में सामाजिक लीडरों की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई। इसके अलावा 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस और अवैध नशा व्यापार दिवस के मौके पर पंजाब भर में जोशी फाउंडेशन के स्वयंसेवियों द्वारा 1000 से ज्यादा नशा विरोधी शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुए थे।

खतरे की घंटी कब बजेगी?

काम की जगह या स्कूल, कॉलेज में हाजिरी घटना और काम में प्रदर्शन कमजोर पडऩा

बिना कोई वजह बताए पैसे की मांग करना या आर्थिक तंगी होना, इसके लिए उधार लेना या चोरी करना

रहस्यात्मक या शकी व्यवहार करना

अचानक से दोस्तों, पसंदीदा जगह और आदतों का बदल जाना

अक्सर मुसीबतों में पडऩा (लड़ाई, दुर्घटना, गैर-कानूनी हरकतें, इत्यादि)

अचानक मूड बदलना, चिड़चिड़ापन, गुस्सैल प्रकोप

अतिसक्रियता होना, उत्तेजित रहना या चक्कर आना

प्रोत्साहन की कमी, आलसी स्वभाव

बिना किसी वजह के डरा हुआ, उत्सुक या रोगियों जैसा दिखना

लाल आंखें, पुतलियों का सामान्य से छोटा या बड़ा होना

कीमती चीजों को खो देना

एकांतता की मांग करना

बंद कमरों में रहना, नजरें चुराना