5 Dariya News

108 नेशनल ऐम्बूलेंस सर्विस ने पार किया 6,00,000 एमरजैन्सी का आंकड़ा!!!

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08-Jul-2015

सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के सामंजस्य से हासिल की गई इससे बड़ी दूसरी कोई उपलब्धि नहीं हो सकती। जी हाँ, नेशनल ऐम्बूलेंस सर्विस 108 ने हिमाचल प्रदेश में अल्प समय में अपने उद्देश्य में जैसी सफलता हासिल की है उसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है। इसके अतिरिक्त इस योजना के अस्तित्व से जुड़ी गौरवपूर्ण बात यह कि इसका हर विचारधारा वाले नागरिक ने एकमत से स्वागत किया।25 दिसम्बर 2010 को हिमाचल प्रदेश में जब इस स्वास्थ्य वरदायिनी योजना का शुभारम्भ हुआ था तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह कठिन परिस्थितियों एवं कम आबादी वाले हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में सफलता के ऐसे परचम लहराएगी।

मात्र 4 साल 6 महीनों में 6 लाख एमरजैंसी के प्रबंधन का आँकड़ा स्वयं ब्यां कर रहा है कि इस योजना की सफलता किस स्तर पर है। हिमाचल प्रदेश में नेशनल एम्बुलेंस सर्विस 108 ने गत् 4 वर्ष 6 महीनो के दरमियान कुल 600130 आपात्कालीन मामलों को निपटाया है, जिनमें कि 5,80,724 चिकित्सा संबंधी मामले 15,803 पुलिस संबंध्ति मामले एवं 3,608 अग्नि संबंध्ति मामलों का सफलतापूर्वक निवारण कर प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाई है।यह बताना भी अत्यावश्यक है कि यह योजना केवल आपातकालीन स्वास्थ्य संबंधी सेवा एवं सहायता प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है अपितु यह पुलिस एवं अग्निशमन जैसी आपातकालीन सहायताओं को प्रदान कराने में भी सहायता करती है। इसके अतिरिक्त 108 नम्बर यदि इससे संबंधित समस्या से हट कर किसी अन्य समस्या को लेकर भी घुमाया जाता है तो उसका उचित मार्गदर्शन किया जाता है।आम नागरिक को बिल्कुल निःशुल्क प्रदान की जाने वाली यह सेवा हिमाचल प्रदेश में हिमाचल सरकार व जी.वी.के. ई.एम.आर.आई. के संयुक्त तत्वावधान से चलाई जा रही है।ऐसे ही जी.वी.के. अन्य 17 प्रदेशों व दो केन्द्र शासित प्रदेशों में इस योजना को चलाने में अपना योगदान दे रही है जहाँ पर हर रोज 7000 से ज़्यादा ऐम्बुलेंस लोगों की सहायता के लिए दौड़ती हैं और 40,000 से ज्यादा र्कमचारी इस में र्काय कर रहे है।108 नम्बर 365 दिन व 24 ग 7 घंटे निःशुल्क घुमाया जा सकता है। इसे मोबाईल अथवा लैंड लाईन किसी भी फोन से बिना किसी कोड के घुमाया जा सकता है। फोन पर प्राप्त जानकारी के बाद संबंधित विभाग को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए तत्काल सूचित कर दिया जाता है। यदि चिकित्सा संबंधी सहायता की आवश्यकता होती है तो 108 ऐम्बुलेंस आवश्यक उपकरणों एवं साधनों के साथ तुरंत हाज़िर हो जाती है। 

इस कार्यकाल के दौरान 108 में कार्यरत् कुशल ईमरजैन्सी मेडिकल टक्नीशनों ने 4,896 से अधिक सफल प्रसव् करवायें हैं और स्वास्थ्य संबंधित केसिज में सैंकड़ों ऐसे केस थे जिनमें जान बचने के कोई आसार थे ही नहीं, लेकिन समय पर एम्बुलैंस सेवा व सहायता के लिए समर्पित दक्ष तथा निपुण कर्मचारियों व अधिकारियों का साथ मिला तो मौत का जबड़ा खुले का खुला रह गया और 34,580 हिमाचल प्रदेशवासियों को अनमोल जीवन का तौफा मिला।यह सेवा शहरी ईलाकों में औसतन 15 मिनट और ग्रामीण ईलाकों में 38 मिनट के भीतर पहुंचकर जरूरी उपचार देकर विश्व में स्थापित ळवसकमद भ्वनत के ब्वदबमचज को पूर्ण करने में सफल रही है,। इस सेवा की विशेषता यह है कि मरीज़ को अस्पताल पहुंचाने से पहले ही उपचार शुरू हो जाता है।इस अवसर पर श्री मेहूल सुकुमारन स्टेट हैड, जीवीके ईएमआरआई 108, हिमाचल प्रदेश ने समस्त जीवीके टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी व प्रदेश सरकार एवं एन.एच.एम. का निरन्तर सहयोग प्रदान करने पर आभार प्रकट किया। साथ ही उन्होने प्रदेश की जनता से किसी भी आपातकालीन स्थिति में 108 नं0 का उपयोग करने की अपील की।