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नरेंद्र मोदी ने मंगोलिया को 1 अरब ऋण की पेशकश की

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उलान बटोर 17-May-2015

भारत और मंगोलिया ने रविवार को अपने कूटनीतिक संबंधों के 60 साल पूरे होने का जश्न मनाया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगोलिया के दौरे पर हैं। मंगोलिया ने भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए भारत को अपना तीसरा और आध्यात्मिक पड़ोसी देश बताया।रविवार सुबह मंगोलिया पहुंचे मोदी का यहां औपचारिक स्वागत किया गया। उसके बाद उन्होंने मंगोलिया के प्रधानमंत्री चिमद सेखनबिलग के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में हिस्सा लिया। मोदी इससे पहले प्रसिद्ध गंदन मठ भी गए और वहां मठ के मुख्य महंत हांबा लामा को बोधि वृक्ष का पौधा भेंट किया।चीन और रूस के बीच बसे मंगोलिया की आधी आबादी बौद्ध धर्म की अनुयायी है।सेखनबिलग ने स्टेट पैलेस में मोदी के साथ वार्ता के बाद प्रेस को जारी एक बयान में कहा, "हमारे तीसरे और आध्यात्मिक पड़ोसी भारत के साथ हमारे रिश्ते प्रगाढ़ हैं।"

मोदी ने मंगोलिया में आधारभूत संरचना संबंधित परियोजनाओं के लिए एक अरब डॉलर ऋण देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, "मंगोलिया भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का अभिन्न अंग है। भारत और मंगोलिया के भाग्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र के भविष्य से करीब से जुड़े हुए हैं।"मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थाई सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करने के लिए मंगोलिया का धन्यवाद दिया।एक संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत और मंगोलिया ने 2021-2022 के लिए यूएनएससी में अस्थाई सदस्यता की दावेदारी के परस्पर समर्थन पर सहमति जताई है।भारत सरकार ने भी 2016-2018 के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की सदस्यता में मंगोलिया की दावेदारी का समर्थन करने की बात कही है।मोदी ने कहा, "भविष्य में अपने संबंधों को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता की झलक स्वरूप हमने अपनी व्यापक भागीदारी को कूटनीतिक साझेदारी में तब्दील करने का निर्णय लिया है। हम अपने मित्रवत संबंधों और सहयोग से संबंधित संधि के नवीनीकरण के लिए भी सहमत हुए हैं।"

मोदी ने कहा कि भारत और मंगोलिया असैन्य परमाणु के क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ा सकते हैं, क्योंकि मंगोलिया यूरेनियम और खनिज संसाधनों से संपन्न है। उन्होंने कहा, "मुझे आशा है कि मंगोलिया के लिए अपने साझेदार चुनने में स्थान और दूरी बाधा नहीं होगी।"मोदी ने मंगोलिया की संसद ग्रेट हुराल को संबोधित करते हुए कहा कि मंगोलिया द्वारा भारत को अपना आध्यात्मिक पड़ोसी बताना भारत के लिए गौरव और सम्मान की बात है। मोदी के दौरे के मद्देनजर रविवार को मंगोलिया की संसद को विशेष रूप से खोला गया।मोदी ने कहा, "इससे पवित्र कोई रिश्ता नहीं है। हम भारत के लोग इस बात से गौरवान्वित हैं कि आप हमें इस नजर से देखते हैं।"आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हाल के वर्षो में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के विस्तार की प्रकृति मानवता के लिए खतरा है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को दोहरा मापदंड अपनाए बिना इसका वैश्विक समाधान एवं सहयोगात्मक उपाय ढूंढ़ने की जरूरत है।दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के मसले पर अपने अधिकारियों को व्यापक परंपरा अपनाने के निर्देश देने पर सहमत हुए।दोनों प्रधानमंत्रियों ने आशा जताई कि आतंकवादियों के सभी ठिकानों और गढ़ों को अविलंब नेस्तनाबूद किया जाएगा।

रक्षा के क्षेत्र में दोनों देश उच्च एवं मध्यम स्तर के दोतरफा दौरों, नियमित परामर्श, सैन्य आदान-प्रदान और योग्यता निर्माण के माध्यम से भविष्य में द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग में तेजी लाने पर सहमत हुए।दोनों देशों के बीच हुए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) में मंगोलिया के रक्षा मंत्रालय में साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना भी शामिल है, जिसके तहत भारत मंगोलिया के सैनिकों को साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण देगा।दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदें पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक सुरक्षा मुद्दों, आतंकवाद निरोध, खुफिया सहयोग एवं आदान-प्रदान के मसले पर परामर्श करेंगे।मोदी ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) द्वारा कैंसर के इलाज के लिए विकसित की गई टेलेकोबाल्ट मशीन भाभाट्रॉन मंगोलिया के नेशनल कैंसर सेंटर को सौंपी।उन्होंने यहां अटल बिहारी वाजपेयी सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन इंफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी एंड कम्युनिकेशन एंड आउटसोर्सिग की भी आधारशिला रखी।मोदी ने मंगोलिया के राष्ट्रपति सखियागिन एल्बेगदोर्ज से भी मुलाकात की, जिन्होंने मंगालिया का दो तारों वाला पारंपरिक वाद्य यंत्र मोरिन खुर उन्हें भेंट किया।मोदी ने भी एल्बेगदोर्ज को 13वीं सदी की दुर्लभ मंगोल इतिहास की पांडुलिपि की प्रति भेंट की।