5 Dariya News

हरियाणा सरकार हिटलर शाही फरमान या जनता को बेवकूफ बनाने का प्रयास

जन्म प्रमाण पत्र में नाम दर्ज करवाना टेड़ी खीर बन गया

5 Dariya News(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल 28-Feb-2015

हरियाणा सरकार ने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए जो नियम बनाये है उन्हें हरियाणा सरकार का हिटलर शाही फरमान कहा जाये तो कोई गलत बात नही होगी ,आजकल हरियाणा में बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में नाम दर्ज करवाना टेढ़ी खीर बन गया है ,सरकारी कार्यालयों नगरपालिकाओं में आम जन अपने बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने और उनमे बच्चों के नाम और माता ,पिता के नामो को सही करवाने के लिए मारा मारा फिर रहा है ,आपका बच्चा आपका है भी या नही हर आम जन को यह साबित करने के लिए अपने पड़ोसियों की गवाही ,नगर पार्षद की गवाही के साथ साथ आपको हल्फिया बयान सरकारी स्टाम्प पेपर पर लिख कर देना पड़ेगा ,आप उसे किस नाम से पुकारते हो ,स्कुल में उसका क्या नाम दर्ज है ,इन सबके आपको साक्ष्य देने पड़ेंगे ,यही नही आपका बच्चा कहाँ पैदा हुआ इसका भी आपको प्रमाण देना पड़ेगा ,हरियाणा सरकार का इस फरमान के पीछे क्या मकसद है किसी की समझ में नही आ रहा ,क्या हरियाणा सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिए यह खेल खेल रही है या फिर इस जनविरोधी कानून के पीछे कोई बड़ा रहस्य छुपा हुआ है ,गौरतलब है की जन्म एवं मृत्यु जहाँ भी होता या होती है उसका विवरण दर्ज करवाना अनिवार्य है ऐसा होना भी चाहिए लेकिन जब जन्म प्रमाण पत्र के लिए नाम संशोधन की बात आती है तो मामला गंभीर बन जाता है क्योंकि यह कार्य वैधानिक है और उसमे आधे अधूरे दर्ज किये गए नामों के पीछे जहाँ आम जन कसूरवार है वहीँ सरकार और संबधित विभाग आम जन से कहीं अधिक दोषी है जिसने अपने रिकार्ड को सही तरीके से लेखांकन नही किया ,इसलिए हरियाणा सरकार को चाहिए की वह अपने इस कानून को अफसरशाही कानून मत बनने दे जिसके जनता का विश्वास सरकार के प्रति नाराजगी में तब्दील हो ,सरकार को चाहिए की जन्म एवं मृत्यु का रिकार्ड सही और दरुस्त करवाने के लिए माँ -बाप का शपथ पत्र ही पर्याप्त माना जाये।