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राज्य का कोई भी घर स्वच्छ पेयजल और शौचालय से वंचित नही रहेगा-सुरजीत सिंह रखड़ा

चल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री द्वारा उच्च जल परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन

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मोहाली/चंडीगढ़ 20-Jan-2015

पंजाब सरकार राज्य के प्रत्येक गांव के निवासी को स्वच्छ पेयजल और शौचालय की सुविधा देने के लिये वचनबद्ध है और जून 2016 तक 100 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या को यह सुविधा हर हाल में मुहैया होगी। यह बात राज्य के जल आपूर्ति एवं सैनीटेशन मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा ने मोहाली के फेज़-2 स्थित वाटर सप्लाई कंपलैक्स में स्थापित की रिज़नल एडवांसड वॉटर टैस्टिंग लैबारटरी का उद्घाटन करने के अवसर पर कही। रखड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य वासियों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने के साथ पेयजल में तत्वों की जंाच को भी प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि इस उद्धेश्य से मोहाली में यह प्रयोगशाला स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व पेयजल की जांच के लिये सैंपल पंजाब से दूर मुंबई भेजे जाते थे। इस प्रयोगशाला से अब पंजाब में पेयजल की जांच यहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला उत्तर भारत की ऐसी पहली प्रयोगशाला है जिसमें भू-जल में तत्वों की जांच हो सकेगी। उन्होंने कहा कि भाभा ऑटोमिक रिसर्च सैंटर मुंबई के वैज्ञानिकों के तकनीकी सहयोग से यह प्रयोगशाला स्थापित की गई है। 4 करोड़ की लागत से बनी इस प्रयोगशाला का फायदा पंजाब के साथ पड़ौसी राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मूकशमीर, राजस्थान आदि को होगी। 

रखड़ा ने कहा कि पंजाब के  कई हिस्सों में भू-जल में यूरेनियम सहित अन्य धातुएं पाई जाती हैं। उनहोंने कहा कि जबतक पानी में हानिकारक तत्वों का पता नही लगता तबतक ट्रीट कर पेय योग्य नही बनाया जा सकता। मंत्री ने कहा कि पंजाब में लोगों की यह आम धारणा रहती है कि आर औ लगाकर पानी पेय योग्य किया जा सकता है परंतु वास्तव में कई बार आर औ से पानी में कई आवश्यक तत्वों को क्षति होती है। उनहोंने कहा कि अब प्रयोगशाला से इस बात का पता लगाया जा सकेगा कि किस तत्व की कमी है। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत बिमारियों की जड़ स्वच्छ पानी की कमी है और इस प्रयोगशाला की स्थापना स्वच्छ पेयजल का लक्ष्य पूरा होगा। रखड़ा ने कहा कि जल आपूर्ति और सैनीटेशन विभाग द्वारा पेयजल में यूरेनियम तथा भारी तत्वों की जांच के लिये इस प्रयोगशाला की स्थापना से पूर्व 2010 से जल में यूरेनियम की जांच का कार्य भाभा ऑटोमिक रिसर्च सैंटर मुंबई से करवाना आरंभ किया गया था। पानी में यूरेनियम की उपस्थिति को देखते हुये विभाग की सभी जल आपूर्ति स्कीमों के सैंपल टैस्ट करवाने की योजना तैयार की गई है। विभाग द्वारा यूरेनियम टैस्टिंग में आत्म निर्भर होने के लिये उच्च जल परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना तैयार की गई। 

इस प्रयोगशाला में 2 प्रकार के आध्ुानिक उपकरण लगाये गये हैं जिनकी कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये है। यह प्रयोगशाला अब यूरेनियम और भारी तत्वों जैसे एलमेनियम, ऑरसनिक, लैडक्रोमियम, कैडमियम फलोराइड, क्लोराइड, ब्रोमाइड, नाईट्रेट, फोसफेथ,सलफेट, सोडियम, पोटाश्यिम आदि पैरामीटर टैस्ट करने की क्षमता रखती है। इस अवसर पर संबोधित करते हुये मुख्य संसदीय सचिव श्री एन के शर्मा ने जल आपूर्ति विभाग के इस प्रयास की प्रशंसा की और स. रखड़ा को बधाई दी कि विभाग के प्रयासों स्वरूप यह प्रयोगशाला पंजाब में स्थापित हुई है। शिरोमणि अकाली दल के जिला जत्थेदार उजागर सिंह बडाली, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास जल आपूर्ति एवं सैनीटेशन श्री सुरेश कुमार एवं एक्सीयन विनाक्षी शर्मा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सुरजीत सिंह अबलोवाल, जिला योजना कमेटी बीबी अमनजोत कौर रामूवालिया, चेयरपर्सन जिला परिषद् एस ए एस नगर, बीबी परमजीत कौर बडाली, चेयरमैन मार्किट कमेटी खरड़ जत्थेदार बलजीत सिंह कुंभड़ा, अमरीक सिंह मोहाली, हरमनप्रीत सिंह प्रिंस, चीफ इंजीनियर आर एन कोलधर, चीफ इंजीनियर नार्थ डी एस चीमा  उपस्थित थे।