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भगत चुन्नी लाल द्वारा बाल मज़दूरी अभियान में तेज़ी लाने पर बल

बालमज़दूरी करवाने के आरोपियों की दर देश में सबसे अधिक होने के लिये विभाग की सराहना

5 दरिया न्यूज

चंडीगढ़ 20-Jan-2015

पंजाब के श्रम मंत्री भगत चुन्नी लाल ने आज राज्य में बाल मज़दूरी की समाजिक बुराई के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया और इस बुराई को नकेल डालने के लिये चलाये अभियान का घेरा विशाल करते हुये इसमें आम लोगों और गैर सरकारी संगठनों को भी शामिल होने का आह्वान किया। राष्ट्रीय बाल मज़दूरी प्रोजेक्टों की समीक्षा के लिये एक राज्य स्तरीय निगरान कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुये जिसमें सभी जिलों के उपायुक्त, गैर सरकारी संगठनों और मज़दूर नेताओं ने भाग लिया, अध्यक्षता करते हुये श्री भगत ने कहा कि हमें केवल एक वर्ष में दो बार ही बाल मज़दूरी विरोधी अभियान चलाकर संतुष्ट होकर नही बैठना चाहिए बल्कि आरोपी मालिकों पर नकेल कसने के लिये इसको निरंतर प्रक्रिया बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल मज़दूरी की समस्या से निपटते समय गरीबी, बेरोज़गारी, परिवारों के सीमित स्त्रोत, शहरों की तरफ बढ़ता पलायन, बड़े परिवारों तथा संकीर्ण सोच आदि पक्षों पर भी चिंतन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विभाग की जिम्मेवारी केवल बाल मज़दूरों को इस गलत चक्कर में से निकालना और दोषी मालिकों के विरूद्ध कार्रवाई करना ही नही बल्कि बाल मज़दूरों को समाज में पूणर्वास कर उनका बनता स्थान दिलवाना भी है। श्री भगत ने राष्ट्रीय बाल मज़दूर प्रोजेक्ट तहत जालंधर, लुधियाना तथा अमृतसर में निर्मित किये जाने वाले विशेष स्कूलों की सराहना करते हुये कहा कि यह स्कूल 5338 बचाये गये बाल मज़दूरों को विश्व स्तर की शिक्षा दे रहें हैं और इन स्कूलों पर 4 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्ची जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह भी प्रसंता की बात है कि 150 की आर्थिक मदद इन बच्चों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष पहुंचाई जा रही है और इनको मिड-डे-मील निशुल्क शिक्षा तथा निशुल्क चिकित्सा सहायता जैसी सुविधांए दी जा रही हैं। ऐसे बच्चों का पता रखने के लिये दिशा निर्देश ज़ारी करते हुये श्री भगत ने बताया कि उनहोंने शिक्षा विभाग को यह यकीनी बनाने के लिये कहा कि बचाये गये बच्चों के स्कूल छोडऩे की दर कम से कम हो और यह बच्चे 12 स्तर तक की पढ़ाई पूरी करें और इनको पैरों पर खड़ा करने के लिये व्यवसायिक शिक्षा मुहैया करवाई जाये। उन्होंने यह भी बताया कि इन स्कूलों में पढ़ते 2 हजार बच्चों में से 1849 को अपने मनपसंद विषय में व्यवसायिक शिक्षा दी जा रही है। लापरवाही करने वाले मालिकों के खिलाफ कार्रवाई के लिये विभाग की पीठ थपथपाते हुये श्री भगत ने कहा कि 2599 मालिकों पर कार्रवाई के बाद 1833 को सजा मिली है जोकि देश में सबसे अधिक दर है। इस अवसर पर अन्य के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रम श्री विश्वजीत खन्ना, श्रम आयुक्त श्री एच एस नंदा, सभी विभागों के मुखी, सभी जिलों के उपायुक्त, गैर सरकारी संगठनों के सदस्य और श्रम संगठनों के नेताओं ने भी शिरकत की और बाल मज़दूरों के पूनर्वास से संबंधित मुद्दों पर विचार किया।