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'घरवापसी' धर्मातरण नहीं : विहिप

5 दरिया न्यूज

हैदराबाद 29-Dec-2014

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को जहां धर्मातरण को रोकने के लिए कानून की मांग की, वहीं कहा कि 'घरवापसी' को धर्मातरण नहीं कहा जा सकता। विहिप में निर्णय लेने वाले सर्वोच्च विभाग केंद्रीय बोर्ड ट्रस्टी और प्रबंध समिति की यहां संयुक्त बैठक हुई, जिसमें धर्मातरण पर रोक के लिए सरकार से कानून बनाने की मांग की गई। दो दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में संवाददाता सम्मेलन में विहिप के कार्याध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि वे धर्मातरण का विरोध करते हैं, वहीं 'घरवापसी' का स्वागत करते हैं। उन्होंने देश के सभी मुस्लिमों और ईसाइयों से अपील की कि वे अपने 'मूल समुदाय' में लौट आएं। उन्होंने कहा कि इनके पूर्वज हिंदू थे जिन्होंने उत्पीड़न या प्रलोभन की वजह से धर्मातरण किया। तोगड़िया ने कहा कि वे किसी भी हिंदू को धर्मातरण की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि संविधान भी इसके खिलाफ है और सर्वोच्च न्यायालय ने भी 1977 में इसे स्पष्ट किया था। उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने भी फैसला दिया था कि हिंदुत्व जीवन जीने की शैली है।"

तोगड़िया ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति पश्चिमी, चीनी, जापानी जीवन शैली अपनाता है तो इसे धर्मातरण नहीं कहा जा सकता। इसी तरह कोई समूह अगर हिंदू बनता है और हिंदू जीवनशैली अपनाता है तो इसे धर्मातरण नहीं कहा जा सकता।उन्होंने कहा, "घरवापसी इससे भिन्न है। हम इसके समर्थन में हैं। भारत में रहने वाले सभी मुस्लिम और ईसाई उन लोगों के बच्चे हैं जिन्होंने छठी शताब्दी बाद धर्मातरण किया।" उन्होंने कहा, "पिछले 700 सालों से इस देश में घरवापसी हो रही है और इसमें नया कुछ भी नहीं है। घरवापसी संविधान और कानून के खिलाफ नहीं है। यह उनका अधिकार है कि वे वापस घर लौटें।" उन्होंने इस बात से इंकार किया कि घरवापसी से देश में विकास रफ्तार थम जाएगी। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरवापसी का विरोध किया है। 

उन्होंने कहा, "वास्तव में इससे विकास की रफ्तार बढ़ जाएगी। दुनियाभर में इसे स्वीकार किया गया है कि सांस्कृतिक लोकाचार के बीच आर्थिक विकास बेहतर होगा।" उन्होंने का दावा किया कि विहिप एकमात्र संगठन है जो 20 लाख बच्चों को निशुल्क शिक्षा मुहैया रहा रही है। देश के 53,000 गांवों में गरीब हिंदू परिवारों को खाद्य, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। विहिप ने इसके लिए सभी हिंदुओं से चावल और प्रतिदिन 10 रुपये दान देने की अपील की है। इसके साथ ही हिंदुओं से एकता के साथ रहने और छुआछूत समाप्त करने की भी अपील की गई।