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गुरू का वचन मानने में ही सुख

5 दरिया न्यूज

चंडीगढ़ 28-Dec-2014

जो गुरूसिख सत्गुरू के वचन को सत्सत् कर मानता है उसको दुनिया के सारे सुख मिलते है यह वचन गुरूदेव सिंह जी  काकूवाल सैन्टर प्रचारक संत निरंकारी मंडल दिल्ली ने संत निरंकारी सत्संग भवन  सैक्टर 30 ए में हजारों की संया में  उपस्थित श्रद्धालूओं को संबोधित करते हुए कहे।उन्होंने आगे कहा कि अगर इंसान समय के सत्गुरू की शरण मे जाकर  निरंकार प्रभु का ज्ञान प्राप्त कर ले तो इंसान को 84 लाख योंनियों से मुक्ति मिल जाती है और उस में अपने पराये, जाति-पाति, मजहबों के भेद-भाव खत्म हो जाते है और सभी में एक प्रभु परमात्मा का रूप नजर आने लग जाता है और उसको दुनियावी और रूहानियत के सुख मिलते चले जाते है।आज के समय में प्रभु का ज्ञान सत्गुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज इस मानवता को करवा रहे हैं। ज्ञान की रोशनी का महत्व युगों-युगों से रहा है इस पर रोशनी डालते हुए उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जी ने अर्जून को यह ज्ञान की रोशनी प्रदान की जिससे  उसके मन में उपजे भ्रमों का नाश हुआ, अन्यथा वह अपने कर्तव्यों से भी विमुख होने लगा था। जब तक अज्ञान का अन्धकार कायम रहता है, इन्सान भ्रम और बंधनों में ही पड़ा रहता है। यही भ्रम और बन्धन ठोकरों का कारण बनता है लेकिन उजाला होने पर सफर आसान हो जाता है।पुरातन इतिहास में जितने भी भक्त हुए हैं भक्ति के रंग को ही महत्व दिया है। संसार को रंग मन पर न चढे  बल्कि यह नाम का रंग ही चढ़ा रहे। आठों पहर इस निराकार का अहसास रहे। यह मन में बसा रहता है तब सहज में सुमिरण हो रहा होताहै। भक्ति के अभिन्न अंग सेवा, सुमिरण, सत्संग हैं इन्हें अपनाये रखें और दिव्य गुणों से जीवन को सुशोभित किये रखें।इससे पूर्व स्थानीय संयोजक श्री मोहिन्दर सिंह जी ने चंडीगढ़ की सर्व साधसंगत जी की तरफ  से श्री गुरूदेव सिंह जी काकूवाल का हार व दुपटा डाल कर स्वागत किया ।