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अब देवता ही बतायें कहां गये हमारे भगवान रघुनाथ

१४ को जगती में डाली जायेगी पूछ,पुलिस के हाथ नहीं लगा अभी तक कोई सुराग

5 दरिया न्यूज (धर्मचंद यादव)

कुल्लू 10-Dec-2014

सोमवार की रात को सुल्तानपुर स्थित रघुनाथ मंदिर से हुई भगवान राम व उनके सेवक हनुमान सहित अन्य चोरी हुई मूर्तियों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस के हाथ इस मामले में अभी तक पूरी तरह खाली हैं वहीं पुलिस द्वारा आस्था पर पड़े डाके का खुलासा करने की उम्मीद छोड़कर भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह व अन्य श्रद्धालु देवताओं की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। महेश्वर सिंह के मुताबिक अब देवता ही बतायेंगे कि हमारे भगवान रघुनाथ कहां गये। चूंकि रघुनाथ मंदिर में पूर्व में हुई चोरी का खुलासा करने में भी पुलिस पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। ऐसे में भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार, कारदारों व श्रद्धालुओं ने पुलिस से इस मामले में कोई भी उम्मीद करनी छोड़ दी है। उल्लेखनीय है कि बुधवार को भगवान रघुनाथ के मंदिर में चार देवताओं ने वहां पहुंच कर भगवान रघुनाथ के चोरी होने पर गहरा दु:ख प्रकट करते हुये देव आवेश में कहा कि यह घटना देव संस्कृति के लिये बेहद ही दुखदायी और शर्मनाक है। इन घटनाओं को रोकने के लिये अब देवताओं को ही आगे आना पड़ेगा। नग्गर से आई देवी तारा भटंती, मणिकर्ण से आई माता धारा चामुण्डा, बटाहर से आये देवता जमलू व गढ़सा से आये देवता नारद ने कहा कि वह तीन चार दिनों के भीतर इस घटना से संबंधित प्रमाण मिल जायेंगे। उल्लेखनीय है कि बटाहर के देवता जमलू ने वर्ष २००६ में स्की विलेज के मसले पर जगती का आयोजन करने का आदेश देते हुये उस समय साफतौर पर कहा था कि स्की विलेज किसी भी सूरत में स्थापित नहीं होगा और उनकी वह भविष्यवाणी आगे चलकर सही साबित हुई थी। 

देवनीति से भटके लोग

देवी देवताओं ने इस दौरान देव समाज से जुड़े लोगों को कहा कि आज मनुष्य देवी देवताओं से बड़ा हो गया है और देव नीति को मानने से इंकार कर रहा है वहीं देव परंपराओं पर भी अनेक तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं जिससे देव संस्कृति व परंपराओं में बिखराव आने लगा है जिसके चलते आज लोगों का देवताओं से विश्वास टूटने लगा है। रघुनाथ मंदिर पहुंचे चारों देवी देवताओं ने कहा कि मनुष्य पाप कमाने में लगा हुआ है जिससे देवी देवता रूष्ट हो रहे हैं और अगर यह सिलसिला इसी तरह से चलता रहा तो आने वाले समय में देवी देवता लोप भी हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से देव परंपराओं को बनाये रखने का आग्रह किया।

14 को होगी जगती में पूछ

भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि इस घटना को लेकर देवता श्रृंगाऋषि से भी पूछ ली जाएगी। इसके लिए एक आदमी देवता श्रृंगा ऋषि के दरवार भेजा जाएगा और इसके अलावा नगर स्थित जगती में भी पूछ डाली जाएगी। हालांकि उन्होंने साफतौर पर कहा कि इस बार जगती नहीं बुलाई जाएगी लेकिन इसके लिए साधारण तरीके से पूछ होगी। क्योंकि जगती तो संकट आने से पहले होती है। यहां तो संकट आकर भी चला गया। इसलिये जगती बुलाने का फिलहाल कोई विचार नहीं है लेकिन विभिन्न देवी देवताओं से इस संदर्भ में पूछ जरूर डाली जायेगी।

दूसरे दिन भी पुलिस के हाथ खाली

चोरी के बाद दूसरा दिन भी निकल जाने के बावजूद भी इस मामले में पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली हैं हालांकि रघुनाथ की मूर्ति चोरी होने की जानकारी मिलते ही मंडी शिमला से पुलिस के बड़े अधिकारी कुल्लू पहुंच गये हैं लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग पाया है। जानकारों की मानें तो पुलिस पूरी तरह से अंधेरे में तीर मार रही है वहीं पुलिस के स्थानीय व बड़े अधिकारी भी इस मामले पर मीडिया से बातचीत करने में लगातार बच रहे हैं हालांकि मामले की तहकीकात करने के लिये अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था संजय कुंडु भी कुल्लू पहुंचे हुये हैं लेकिन वह भी मीडिया का सामना करने से लगातार बचते आ रहे हैं। 

विशेष जांच दल गठित 

प्रदेश सरकार द्वारा भगवान रघुनाथ की मूर्ति चोरी के मामले को हल करने के लिये एक विशेष जांच दल गठित किया गया है जिसकी कमान कुल्लू के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निहाल चंद को सौंपी गई है। इनके अलावा इस दल में डीएसपी आनी, एसएचओ कुल्लू, सब इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार व अंकुर तथा शिमला सीआईडी से सेलफोन हैडकांस्टेबल राजीव कुमार शामिल हैं। 

काम नहीं आया सीसीटीवी कैमरा

भगवान रघुनाथ के मंदिर में इसी साल 21 जनवरी को हुई चोरी की घटना के बाद हालांकि सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था लेकिन यह कैमरा मंदिर के अगले भाग में लगाया गया है। परंतु चोरों ने मंदिर के अंदर जाने के लिए मंदिर के पीछले हिस्से से रास्ता ढूंढा जहां से चोरों ने पिछली बार चोरी की घटना को अंजाम दिया था। सबसे पहले चोरों ने दीवार के साथ लगे सरिए से मंदिर की छत पर प्रवेश किया और उसके बाद छत तोड़कर अंदर घुसे और छत से रस्सी के सहारे आदमी को नीचे उतारा गया उसके बाद ही चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है। हालांकि चोरों ने पिछली घटना में दीवार से पत्थर निकालकर घटना को अंजाम दिया था लेकिन इस बार छत के रास्ते से वे अंदर घुसे। जबकि मंदिर कक्ष के ऊपर के हिस्से से जो रास्ता कमरे के लिए उतरता है उसे तोड़ा गया है।

कुत्ते को मार डाला ?

 मंदिर के पीछे खेत में एक कुत्ता भी मरा हुआ मिला है। कुछ लोग कहते हैं कि यह कुत्ते को चोरों ने ही मार डाला है और कुछ लोगों का कहना है कि कुत्ता बीमार चल रहा था और इसकी मौत बीमारी के कारण हुई हो सकती है। लेकिन पुलिस इसकी भी जांच कर रही है कि कुत्ते को चारों ने मारा है या वह बीमारी से मरा है।

पांच घंटे बाद पहुंची फोरेंसिक टीम

रधुनाथ मंदिर में चोटी की घटना का पता चलते ही कुल्लू पुलिस ने मंडी स्थित फॉरेंसिक टीम को इसकी सूचना दी। यह सूचना सुबह करीब आठ बजे दी गई थी लेकिन फॅरेंसिक टीम करीब पांच घंटे बाद डेढ़ बजे दोपहर मंदिर पहुंची। जबकि कुल्लू और मंडी के बीच का सफ र करीब डेढ़ घंटे का है। फॉरेंसिक टीम के इस सुस्त रवैये से लोगों में काफी रोष है। जबकि फॉरेंसिक टीम के अधिकारियों ने दलील दी कि उनके पास वाहन चालक नहीं था लेकिन फॉरेंसिक जैसे महत्वपूर्ण विभाग के पास चालक नहीं होने की यह दलील कितनी सही है इसको लेकर तो वह स्वयं ही बता सकती है।