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चालू मसालों व बिना सिर—पैर की कॉमेडी

फिल्म समीक्षा : एक्शन जैक्सन

5 दरिया न्यूज ( चन्द्रकांत शर्मा )

मुंबई 05-Dec-2014

कलाकार: अजय देवगन, सोनाक्षी सिन्हा, यमी गौतम, कुणाल राय कपूर, मनसवी ममगई, आनंद राज, रज्जाक खान

निर्माता: सुनील लुल्ला

निर्देशक: प्रभु देवा

संगीत: हिमेश रेशमिया

इस फिल्म की शुरूआत तो बड़े ही अच्छे ढंग से होती है परन्तु जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, रफ्तार कम होती जाती है और यही फील होता है कि फिल्म कब खत्म हो। डायरेक्टर प्रभुदेवा की पिछली फिल्में वान्टेंड, आर. राजकुमार व राउडी राठौड की तर्ज पर ही इस फिल्म में भी वही एक्शन व स्टाइल है। अगर कहानी की बात करें तो कहानी बहुत ही उलझी हुई है। इस फिल्म के कई दृश्य 70-80 के दशक की फिल्मों से प्रेरित है। पूरी फिल्म में अजय देवगन ही छाए हुए हैं। फिल्म के कई एक्शन सीन व लोकेशन्स अच्छी है।

कहानी: फिल्म की कहानी शुरू होती है विशी (अजय देवगन) से, जोकि एक सीधा-सीधा नवयुवक है तथा सभी लोगों की सहायता करता रहता है। खुशी (सोनाक्षी सिन्हा) एक ऐसी लड़की है, जिसके साथ हमेशा कुछ न कुछ विपरीत ही होता रहता है। खुशी की मुलाकात एक शाॅपिग माॅल में विशी से होती है और संयोगवश खुशी की किस्मत पलट जाती है। खुशी को लगता है कि शायद विशी उसके लिए लकी है और वो उससे शादी करना चाहती है। दूसरी तरफ अंडरवर्ल्ड  डाॅन जेवियर (आनंद राज) को एजे की तलाश है क्योंकि उसकी बहन मरीना (मनसवी ममगई) उससे बेहद प्यार करती है। जेवियर के गुण्डे एजे की तलाश में इंडिया आते हैं और विशी को एजे समझ कर मारने-पीटने लगते है परन्तु किसी पर हाथ न उठाने वाले विशी जब उन सभी को बुरी तरह से मारता है तो कहानी में नया ट्विस्ट आता है। अब देखना यह है कि आखिर एजे है कौन? सीधा-सादा दिखने वाला विशी एकदम से खतरनाक कैसे बन जाता है? यह तो आपको एजे ही बता सकता है और इसके लिए आपको सिनेमा का रूख करना होगा।

अभिनय: अजय देवगन पूरी फिल्म में छाए हुए हैं परन्तु इस फिल्म को उनकी एक्टिंग के लिए याद नहीं किया जाएगा। सोनाक्षी सिन्हा ने वैसा ही किरदार निभाया है, जैसा अभी तक वो अन्य फिल्मों में निभाती आई हैं यानि कि कुछ खास नहीं। कुणाल राय कपूर के लिए फिल्म में कुछ खास करने का था नहीं, सिवाय चांटें खाने के। वैसे वो अजय देवगन के दोस्त का किरदार में जमे है। यमी गौतम ने अपना किरदार बखूबी निभाया है। मनसवी ममगई की यह डेब्यू फिल्म है परन्तु उन्हें केवल हाट सीन के अलावा कुछ नहीं मिला।

डायरेक्शन: प्रभु देवा ने इस फिल्म में सारे चालू मसालों का जमकर प्रयोग किया है परन्तु इन मसालों के चक्कर में वो कहानी को बिल्कुल भूल गए। इंटरवल से पहले की फिल्म को फिर भी पचाया जा सकता है परन्तु उसके बाद की फिल्म को झेलना मुश्किल है।

संगीत: हिमेश रेशमिया का संगीत ठीक-ठाक है। थिएटर से निकलने के बाद शायद कोई गाना आपको याद रहे।

निष्कर्ष: एक्शन-जैक्सन में सारे चालू मसालों का जबरदस्त प्रयोग किया गया है परन्तु मसाले अगर ज्यादा हो जाएं तो भी रेसेपी ठीक नहीं बनती। अगर आप एक्शन व बिना-सिर पैर की कामेडी को पसंद करते हैं और सच मे अपना दिमाग घर पर रखकर जा सकते हैं तो यह फिल्म आपके लिए है अन्यथा इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिसके लिए महंगा टिकट खरीद कर यह फिल्म देखी जाए।