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प्रकाश सिंह बादल द्वारा गेहूं की खरीद के प्रबन्धों की समीक्षा

कैरों और मुख्य सचिव को अतिरिक्त अनाज भण्डारण की क्षमता का मामला भारत सरकार के पास उठाने के लिए कहा

5 दरिया न्यूज

चंडीगढ 04-Apr-2012

पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पंजाब में अनाज भण्डार की समस्या का हल करने के लिए राज्य में गेहूं एवं चावल की गत स्टाक को अन्य राज्यों में ले जाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह और केन्द्रीय खाद्य मंत्री प्रो. के.वी. थाम्स को मिलकर उनके नीजि हस्तक्षेप की मांग करेंगें। यह जानकारी देते हुए आज यहां मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की मांग अनुसार पंजाब में पहले ही भण्डार हुए गेहूं और चावल को देशों के अन्य हितों में ले जाने के लिए यदि यातायात के प्रबन्ध के लिए विशेष रेलवे रैक की जरूरत पड़ी तो स.बादल इस मामले को भी केन्द्रीय रेल मंत्री को मिलकर उठाएंगें। यहां मुख्यमंत्री कार्यालय में रबी के मण्डीकरण सीजन 2012 के दौरान गेहूं की खरीद के प्रबन्धों का जायजा लेने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करने के अवसर पर विचार विमर्श में हिस्सा लेते हुए स. बादल ने खाद्य एवं सिविल आपूर्ति मंत्री  स. आदेश प्रताप सिंह कैरों को कहा कि राज्य में कम से कम पच्चीस लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाला वैज्ञानिक ढंग से भण्डारण बनाने के लिए भारत सरकार के पास शीघ्र स्वीकृति लेने हेतू प्रयास ओर तेज किये जाएं। 

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को भी एफसीआई द्वारा खरीद से सम्बन्धित बकाया मामलों को निपटाने के लिए केन्द्रीय कृषि और खाद्य मंत्रालय से तालमेल करने का आदेश दिया। स. बादल ने मुख्य सचिव को बीस लाख मीट्रिक टन की अतिरिक्त भण्डारण क्षमता जिसको अन्य राज्यों में तबदील कर दिया गया है, को वापिस पंजाब को स्वीकृति दिलाने के लिए यह मामला भी मंत्रालया के  पास उठाने के लिए कहा क्योंकि पंजाब में पहले ही अनाज भण्डार की बड़ी कमी का सामना करना पड़ रहा है। यहां यह वर्णननीय है कि भारत सरकार/एफसीआई द्वारा पंजाब में 71 लाख मीट्रिक टन अनाज को कवर्ड स्टोरेज़ करने के लिए जगह तय की गई थी। इसलिए जब राज्य सरकार ने इस भण्डारण के निर्माण के लिए टैंडर निकाले तो भारत सरकार ने राज्य सरकार को भरोसे में लिये बिना मंजूर की भण्डारण क्षमता घटाकर 51 लाख मिट्रिक टन कर दी और शेष 20 लाख मीट्रिक टन को अन्य राज्यों में तबदील कर दिया। 51 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाले गोदामों के निर्माण के बाद भी पंजाब में तीस लाख मीटिक टन गेहूं को गैर वेैज्ञानिक तौर पर पलिंथों पर ही स्टोर करना पड़ेगा और चावलों को भण्डार करने के लिए ढक्की हुई जगह की भी बड़ी कमी का सामना करना पड़ेगा। स. बादल ने खाद्य एवं सिविल आपूर्ति विभाग के सचिव को आदेश दिया कि खरीद प्रक्रिया निर्विघ्र होनेे को यकीनी बनाने के लिए सभी उपायुक्तों और जिला नियंत्रणक खाद्य एवं सिविल आपूर्ति से समीप का तालमेल रखा जाए। 

इसी दौरान खाद्य एवं सिविल आपूर्ति विभाग के सचिव श्री डी एस ग्रेवाल ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा अनाज की ट्रांस्पोटेशन सुस्त होने के कारण राज्य में अन्न भण्डारण की बड़ी समस्या बनी हुई है। 1 अप्रैल 2012 को राज्य में 68.5 लाख मीट्रिक टन और 67 लाख मीट्रिक टन चावल भण्डार है। जबकि गत वर्ष इस समय दौरान 51 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 68 लाख मीट्रिक टन चावल का खुला स्टाक था। श्री ग्रेवाल ने मुख्यमंत्री को यह भी जानकारी दी कि इस वर्ष गेहूं का उत्पादन 156 लाख मीट्रिक टन तक पहुंंचने की संभावना है और खरीद एजेंसियों द्वारा 115 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के लिए प्रबन्ध सम्पूर्ण कर लिये गये हैं। गेहूं की निर्विघ्र खरीद के लिए राज्य में 1769 खरीद केन्द्र स्थापित किये जा चुके हैं। बैठक में अन्य के अतिरिक्त खाद्य एवं सिविल आपूर्ति मंत्री स. आदेश प्रताप सिंह कैरों, मुख्य सचिव श्री राकेश सिंह, वित्त कमिशनर विकास श्री जी एस संधू, सचिव खाद्य एवं सिविल आपूर्ति श्री डी एस ग्रेवाल, खाद्य एवं सिविल आपूर्ति विभाग के डायरैक्टर डा. हरिकेश सिंह सिद्दू, मुख्य मंत्री के विशेष प्रमुख सचिव श्री के.एस. पन्नू, एम.डी. मार्कफैड श्री ए एस पन्नू, एम.डी. पनसप श्री विकास प्रताप, सचिव मण्डी बोर्ड डा. के.एस. सरा, एम. डी. पंजाब एग्रो श्री अशोक गुप्ता और जनरल मैनेजर एफसीआई पंजाब रीजन श्री नीलकण्ड शामिल