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किन्नौरी सेब बाजार में पहुंचे

5 दरिया न्यूज

शिमला 12-Oct-2014

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के सेब बाजार पहुंच चुके हैं और इसे दिल्ली, चण्डीगढ़ जैसे शहरों के साथ पंजाब और हरियाणा में अच्छी कीमत मिल रही है। यह बात यहां बागवानी विभाग के अधिकारियों ने कही। राज्य बागवानी निदेशक गुरदेव सिंह ने आईएएनएस से कहा, "हमें जिले में 20 लाख पेटियों से अधिक उत्पादन होने की उम्मीद है।" एक पेटी में 22.5 किलोग्राम सेब होते हैं।नरकंडा सेब बाजार के एक व्यापारी जय चंद ने कहा, "किन्नौरी सेब की अच्छी किस्म की एक पेटी अभी दिल्ली में 2,200 रुपये से 2,400 रुपये तक बिक रही है, जो अन्य जिलों से आ रहे सेब के मुकाबलले 25-30 फीसदी अधिक है।"उन्होंने कहा, "किन्नौरी सेब की शुरुआती खेप में प्रत्येक पेटी पर 3,000 रुपये से अधिक मिले।"रॉयल डिलीशियस, रेड चीफ, सुपर चीफ, ओरेगन स्पर और स्कार्लेट स्पर जैसी अच्छी किस्में बाजार में आने शुरू हो चुकी हैं। आने वाले दिनों में हालांकि आपूर्ति बढ़ेगी।सेब के क्रेट की कीमत दिल्ली और चण्डीगढ़ के थोक बाजारों में 50-100 रुपये बढ़ जाती हैं।

गुरदेव सिंह ने कहा कि किन्नौर में कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों के सेब अभी तोड़े जा रहे हैं। चांगो और कल्पा जैसे अधिक ऊंचे क्षेत्रों में इस माह के आखिर तक सेब तोड़ना शुरू होगा।किन्नौर में 10 हजार फुट से अधिक ऊंचे क्षेत्रों में सेब के बागान हैं। ये बागान मुख्यत: सांग्ला, कल्पा, चांगो, निहार और पूह जिले में हैं।खुदरा कारोबारियों ने हिमाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों के सेब को किन्नौरी सेब बताकर बेचना शुरू कर दिया है, लेकिन सच्चाई यह है कि किन्नौरी सेब अक्टूबर में ही बाजार में पहुंचने शुरू होते हैं।जानकारों के मुताबिक किन्नौर में आम तौर पर करीब 20 से 22 लाख पेटियों का उत्पादन होता है, जो राज्य के कुल उत्पादन का 6-7 फीसदी है।