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दुष्कर्म के आरोपी दो युवकों को 10 वर्ष कारावास की सजा

5 दरिया न्यूज (प्रशांत प्रवीण कौशिक)

पानीपत 04-Jun-2013

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा की महिला विशेष अदालत ने आठवीं कक्षा की एक छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म में दो युवकों को 10 वर्ष कारावास की सजा दी है। छात्रा के अपहरण में शामिल तीसरे युवक को तीन साल की सजा दी गई है। महत्वपूर्ण यह है कि दो युवकों को डीएसपी ने जांच में निर्दोष ठहराया था। डेढ़ साल पुराने मामले में युवती को मतलौडा से अगवा कर लखनऊ ले जाया गया था। मतलौडा के बाल जाटान निवासी रामसिंह ने 24 दिसंबर 2011 को मतलौडा थाना पुलिस को शिकायत दी थी कि उसकी साढ़े 16 वर्षीय बेटी रानी (दोनों काल्पनिक नाम) 15 दिसंबर की रात 11.30 बजे से लापता है। युवती के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मतलौडा, शिव कालोनी निवासी कृष्ण पर आइपीसी की धारा 363 व 366 में केस दर्ज कर लिया। 11 जनवरी 2012 को देवीलाल पार्क से पुलिस ने रोशनी को कृष्ण के कब्जे से मुक्त किया। रोशनी को नारी निकेतन करनाल और आरोपी कृष्ण को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। 19 जनवरी को मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में युवती ने कहा कि गांव का ही रोहताश उसे आवाज देकर बाहर बुलाया और कुछ दूर पर खड़ी कार में डाल दिया। कार समालखा निवासी रविंद्र चला रहा था, कार में कृष्ण भी था। युवती को लखनऊ ले गए, जहां पर कृष्ण और रोहताश ने युवती से दुष्कर्म किया। 20 दिसंबर 2012 को अदालत में सौंपी गई जांच रिपोर्ट में तत्कालीन डीएसपी प्रदीप श्योकंद ने रोहताश और रविंद्र को निर्दोष बताया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक 15 से 20 दिसंबर 2011 तक दोनों के मोबाइल लोकेशन जिला पानीपत में ही थे। हालांकि मौजूद साक्ष्य व गवाहों के बयान के आधार पर एएसजे वाणी गोपाल शर्मा की महिला विशेष अदालत ने तीनों को 29 मई 2013 को दोषी ठहराया। जमानत पर चल रहे रविंद्र को पुलिस ने इसी दिन हिरासत में ले लिया। सोमवार को अदालत ने रोहताश और कृष्ण को आइपीसी की धारा 376 (2जी) में 10 साल की कैद व 10-10 हजार रुपये का जुर्माना तथा धारा 366 में सात साल की कैद व सात हजार का जुर्माना किया। रविंद्र को अपहरण की धारा 366 में तीन साल की कैद व पांच हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।