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राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से लेह तक रेल लाईन जरूरी: स्नेही

एक ईंच आगे नहीं बढ़ी अंग्रेजों के समय की रेल लाईन

5 दरिया न्यूज (धर्मचंद यादव)

कुल्लू 01-Jun-2013

सनराईज सोशन हैल्थ एंड एनवायरमेंट एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष स्नेही ने लेह तक रेलवे लाईन बिछाना सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी माना है। उन्होंने कहा कि चीन की सीमाओं से लगने वाला भारत का इलाका आज भी सुरक्षा की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। जबकि चीन तिब्बत की राजधानी ल्हासा तक रेलवे लाईन बिछाने में कामयाब हुआ है। हिमाचल प्रदेश का किन्नौर लाहुल-स्पीति का इलाका तिब्बत की सीमाओं के साथ लगता है। जहां पर आज भी बर्फ का रेगिस्तान होने की वजह से आवागमन के साधनों का अच्छे से विकास नहीं हो पाया है। उन्होंने मांग की कि इन इलाकों को जल्द से जल्द रेलवे से जोड़ने के लिए भारत सरकार को उचित धन मुहैया करवाना चाहिए। सुभाष स्नेही ने कहा कि आज भी हिमाचल प्रदेश में अंग्रेजों के जमाने में बनी रेलवे का ही उपयोग करना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश में मात्र दो रेलवे लाईने जो शिमला से कालका और जोगिन्द्रनगर से कांगड़ा के बीच में बनी है। इन रेलवे लाईनों को एक ईंच भी आगे नहीं बढ़ाया गया। जबकि लेह तक  रेलवे लाईन के बिछाने से सुरक्षा के साथ-साथ प्रदेश में पर्यटन के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। हिमाचल प्रदेश में रेलवे के विकास से विकास की नई बयार बहेगी। प्रदेश और देश में जिस तरह से जनसंख्या में ईजाफा हो रहा है इसे मद्देनजर रखते हुए हमें आने वाले 100 वर्षों में देश में किस तरह की समस्याएं आएंगी इन पर आज से काम करना शुरू करना होगा, तभी देश का विकास संभव हो पाएगा। दूरगामी सोच से ही हम राष्ट्र को विकास के क्षेत्र में आगे ला सकते हैं। इससे पर्यटन के क्षेत्र में भी हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में विकास संभव हो पाएगा और निरंतर हो रही मूल्य वृद्धि पर भी अंकुश लग सकेगा। हिमाचल प्रदेश का जिला किन्नौर, लाहुल-स्पीति, कुल्लू व मंडी जिला का ऊपरी इलाका तथा चंबा जिला का पांगी-भरमौर का क्षेत्र आज भी आवागमन से जुड़ी जरूरी सुविधाओं से महरूम है। साथ ही चंबा व लाहौल-स्पीति की सीमाओं में सुरक्षा के लिए भी रेलवे लाईन बिछाना आज की जरूरत बन गई है। यह तभी संभव हो सकता है यदि हिमाचल प्रदेश के सीमा से जुड़े इन इलाकों के लिए रक्षा मंत्रालय भारत सरकार जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाता है। सुभाष स्नेही ने रक्षा मंत्रालय भारत सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह को पत्र लिख कर इस मसले पर जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जोरदार मांग की है।