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पंजाब सरकार पराली को खेत में ही काटकर मिट्टी में मिलाने वाली मशीने सबसिडी पर देगी-जत्थेदार तोता सिंह

कृषि विभाग द्वारा नई तकनीक सम्बन्धी जानकारी देने के लिए कैम्प लगाए जाएंगें

5 दरिया न्यूज

चण्डीगढ़ 12-Sep-2014

पंजाब सरकार द्वारा पराली को आग लगाने की जगह पर खेत में ही काटकर मिट्टी में मिलाने वाली मशीनें किसानों को सबसिडी पर दी जाएंगी। सरकार द्वारा यह प्रयत्न राज्य में पराली को आग लगाने के कारण होते वातावरण प्रदूषण को रोकने व जमीन की उत्पादकता बना कर रखन के लिए किया जा रहा है। यह जानकारी पंजाब के कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह ने आज यहां राज्य के विकासमयी किसानों के साथ विशेष बैठक दौरान सांझी की।जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि इस कार्य के लिए देश में ही कम कीमत वाली मशीनों का निर्माण किया गया है ताकि विदेशों से मंहगे मूल्य पर मशीने मंगवाने की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा कोआपरेटिव सोसायटियों को भी यह मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी। कोअपरेटिव सोसायटियां यह मशीनें किसानों को किराए पर देने की सुविधा उपलब्ध करवाएंगी ताकि छोटे किसान भी इस नई तकनीक का लाभ उठा सकें। कृषि मंत्री ने राज्य के विकासमयी किसानों को अपीन की कि  वह पराली को बिना जलाए खेतों में ही खत्म करने वाली नई तकनीक को अपनाएं व अन्य किसानों को भी इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा भी किसानों को इस तकनीक सम्बन्धी जानकारी देने के लिए कैम्प लगाएं जाएंगें और खेतों में पेशकारियां दिखाई जाएंगी।

इससे पहले बैठक दौरान राष्ट्रीय बागवानी मिशन तहत पंजाब को वर्ष 2014-15 के लिए प्राप्त हुई 82.5 करोड़ रूपये की ग्रांट को फसली विभिन्नता कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए सुचारू ढंग से खर्च करने सम्बन्धी किसानों से विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा गेहूं की कटाई के दिनों में सब्जी व फल उत्पादकों को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए 2 हार्स पावर से 7.5 हार्स पावर तक की सोलर पावर मोटरें लगवाने के लिए सबसिडी प्रदान करवाने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि सब्जी और फल उत्पादक किसानों को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए।इस अवसर पर उन्होंने राज्य के किसानों को फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कीटनाशकों व नदीन नाशकों का प्रयोग कम करने के लिए अपील क रते हुए कहा कि इनका अधिक प्रयोग का बुरा प्रभाव फसलों की गुणवत्ता पर पड़ रहा है जिस कारण अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में इनको बेचने में समस्या पेश आती है। उन्होंने विकासमयी किसानों को अपील की कि वह कीटनाशकों और नदीन नाशकों का कम प्रयोग करके अधिक उत्पादन लेने के अनुभव अन्य किसानों के साथ भी सांझे करके उनको भी कीटनाशकों व नदीन नाशकों का कम प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें। इस बैठक में मुख्य संसदीय सचिव स. गुरवचन सिंह बब्बेहाली, विभाग के वित्त आयुक्त विकास श्री सुरेश कुमार, कमीशनर कृषि स. बलविन्द्र सिंह सिद्दू, डायरेैक्टर बागवानी डा. लाजविन्द्र सिंह, डा. गुरकंवल सिंह संयुक्त निदेशक बागवानी पंजाब व पंजाब भर से आए विकासमयी किसानों ने भी भाग लिया।