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हिमाचल : मणिमहेश झील की यात्रा शुरू

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चम्बा (हिमाचल प्रदेश) 17-Aug-2014

हिमाचल प्रदेश में 17 दिनों तक चलने वाली मणिमहेश झील की यात्रा रविवार को शुरू हो गई। अतिरिक्त जिलाधिकारी लक्ष्मीकांत शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "यात्रा के पहले दिन 20,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने प्रस्थान किया।"चम्बा जिले के भरमौर घाटी से होकर गुजरने वाली इस तीर्थयात्रा में 250,000 लोगों के शामिल होने की संभावना है। इस तीर्थयात्रा को जम्मू एवं कश्मीर के अमरनाथ यात्रा की तरह ही कठिन माना जाता है। मणिमहेश तीर्थयात्रा प्रत्येक वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर शुरू होती है और राधाष्टमी के दिन समाप्त होती है। इस वर्ष यह दो सितंबर को समाप्त होगी, जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु झील में डुबकी लगाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि वार्षिक छड़ी यात्रा यहां 26 अगस्त को 1,000 वर्ष पुराने लक्ष्मीनारायण मंदिर से मणिमहेश झील के लिए शुरू होगी। यह यात्रा दो सितम्बर को झील पहुंचेगी। राज्य सरकार ने यात्रा में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालुओं को पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया है।

श्रद्धालु चम्बा शहर से 65 किलोमीटर दूर स्थित हडसर आधार शिविर से मणिमहेश झील तक की 14 किलोमीटर लंबी दुर्गम यात्रा करते हैं। यह झील 13,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां से श्रद्धालु कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। अधिकारियों ने कहा कि श्रद्धालुओं ने दो दिन पहले ही झील तक पहुंचना शुरू कर दिया है। एक अधिकारी ने कहा, "पहले दिन 50,000 से अधिक लोगों के झील पहुंचने की संभावना है।"पिछले दो दिनों में स्वास्थ्य कारणों से चार लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 50 बचाव कर्मियों को तैनात किया है और पॉलीथिन के थैलों में सामान ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार ने दो हेली-टैक्सी संचालकों को तीर्थयात्रा के दौरान लोगों को ढोने की अनुमति प्रदान की है। हेलीकाप्टर श्रद्धालुओं को आधार शिविर भरमौर से गौरीकुंड के बीच ढोते हैं। गौरीकुंड झील से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर है। एक व्यक्ति का एक तरफ का किराया 3,270 रुपये है।