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राष्ट्रमंडल खेल : दीपिका-चिनप्पा ने रचा स्वर्णिम इतिहास, भारत के नाम 5 और पदक

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ग्लासगो 02-Aug-2014

दीपिका पल्लिकल और जोशना चिनप्पा की भारतीय जोड़ी ने शनिवार को 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में स्क्वॉश स्पर्धा के महिला युगल वर्ग का स्वर्ण पदक हासिल कर लिया। शनिवार को भारत के नाम यह पहला स्वर्ण भी है। दीपिका-चिनप्पा ने इतिहास रचते हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को स्क्वॉश का पहला पदक दिलाया।स्कॉट्सटन स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में हुए स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने जेनी डुंकाफ और लौरा मासारो की ब्रिटिश जोड़ी को सीधे गेमों में 11-6, 11-8 से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। डुंकाफ-मासारो लगातार दूसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहीं, लेकिन उन्हें लगातार दूसरी बार हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।इस स्वर्ण के साथ ही भारत की टूर्नामेंट में स्वर्ण पदकों की संख्या 14 हो गई। भारतीय खिलाड़ियों ने शनिवार को अब तक पांच पदक जीत लिए हैं, जिसमें भारोत्तोलक स्वाती सिंह को घोषित किया गया कांस्य पदक शामिल है।

स्वाती सिंह को स्वर्ण पदक विजेता नाईजीरियाई भारोत्तोलक चिका अमालाहा के डोपिंग का दोषी पाए जाने के बाद उनके निलंबन के फलस्वरूप कांस्य पदक विजेता घोषित किया गया। इससे पहले स्पर्धा में चौथे स्थान पर थीं। इसी घटनाक्रम में भारतीय कांस्य पदक विजेता संतोषी मात्सा को रजत पदक विजेता घोषित किया गया।इससे पहले दिन का पहला पदक पॉवरलिफ्टिंग में सकीना खातून ने दिलाया। सकीना खातून ने क्लाइडे ऑडिटोरियम में हुए फाइनल मुकाबले में कुल 88.2 किलोग्राम के साथ कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।इसके बाद हालांकि दिन का सबसे बड़ा झटका देश की दूसरी शीर्ष वरीय बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु के सेमीफाइनल मुकाबले में हारने से लगा। सिंधु के अलावा पुरुष एकल के समीफाइनल में पारुपल्ली कश्यप भी अपना मैच हार गए।भारतीय हॉकी टीम ने हालांकि शानदार प्रदर्शन करते हुए न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर लगातार दूसरे वर्ष फाइनल में प्रवेश करने में सफलता पाई। पिछली बार की तरह इस बार भी उन्हें फाइनल में सर्वोच्च विश्व वरीय आस्ट्रेलियाई टीम का सामना करना पड़ेगा। मुक्केबाजी में भारत को शनिवार को लैशराम सरिता देवी और देवेंद्रो लैशराम ने दो रजत पदक दिलाए। दोनों ही पहलवान अपने-अपने फाइनल मुकाबले हार गए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।शनिवार को अभी भारत को बैडमिंटन में सिंधु और कश्यप से तथा टेबल टेनिस में अचंत शरत कमल से कांस्य पदकों की उम्मीद है, जबकि मुक्केबाजी में अपने-अपने भारवर्गो के फाइनल में पहुंच चुके मंदीप जांगड़ा और स्टार मुक्केबाज विजेंदर कुमार से स्वर्ण पदकों की आस है।