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केन्द्रीय जेल लुधियाना के बिस्कुट,नमकीन व फर्नीचर सरकारी स्कूलों,कार्यालयों, विश्वविद्यालयों को किये जाएगें सप्लाई-सोहन सिंह ठंडल

जेल मंत्री द्वारा केन्द्रीय जेल लुधियाना के दौरे के समय जेल अधिकारियों को विस्तृत योजना तैयार करने के निर्देश

5 दरिया न्यूज

चंडीगढ 31-Jul-2014

पंजाब का जेल विभाग केन्द्रीय जेल लुधियाना में केदियों द्वारा तैयार किये जा रहे बिस्कुट, नमकीन व फर्नीचर को सरकारी स्कूलों,कार्यालयों, विश्वविद्यालय व अन्य संस्थानो को सप्लाई करने संबधी योजना बना रहा हेँ। पंजाब के जेल मंत्री स. सोहन सिंह ठंडल ने केन्द्रीय जेल लुधियाना का दौरा करने के पश्चात यह जानकारी दी। दौरे के अवसर पर उनके साथ अतिरिक्त डायरैक्टर जनरल जेल श्री राजपाल मीना व जेल सुपरिडैंट एसपी खन्ना भी उपस्थित रहे।इस दौरान बातचीत करते हुये स. ठंडल ने बताया कि केन्द्रीय जेल (सुधार घर), लुधियाना में लगभग 25 लाख रूपये की लागत से लगे बेकरी यूनिट में पचास बंदी एक शिफट में काम करते है जबकि प्रतिदिन दो शिफटे सुबह 8 से दोपहर दो बजे तक दोपहर दो से रात आठ बजे तक निरंतर चलती हैं। उन्होने बताया कि इस ओद्यौगिक यूनिट की शुरूवात के समय लवली यूनिवर्सिटी , जांलधर के होटल मैनेजमैंट विभाग की टीम द्वारा कैदियों को एक महीनें की बेकरी का प्रशिक्षण दिया गया जो आगे अन्य कैदियों को यह हुनर सिखा रहे है। स. ठंडल ने बताया कि यहां प्रतिदिन पांच प्रकार के एक किंवटल से अधिक बिस्कुट व 50-60 किलो नमकीन तैयार की जा रही है। जिनको पंजाब की अन्य जेलों में सप्लाई किया जा रहा हैं।

जेल मंत्री ने बताया कि इस जेल में इन उत्पादकों की निरतर बढ रही ब्रिकी के सम्मुख जेल विभाग को निर्देश दिये गये है कि वह उत्पादों का उत्पादन बढाकर जिले के सरकार स्कूलों, कार्यालयों , निकटतम विश्व विद्यालयों व अन्य संस्थानों को सप्लाई करने संबधी योजना तैयार करे। उन्होने बताया कि जेल के कैदियों द्वारा लकड़ी का फर्नीचर ,साबुन , कैदियों के खददर व पुलिस के लिए टैंटों के कपड़े तैयार करने का काम भी अपने स्तर पर किया जा रहा है। उन्होने विशेष तौर पर बताया कि इस जेल के लिए यह गर्व वाली बात है कि राज्य की लगभग सभी जेलों को कपडा यही से तैयार करके भेजा जा रहा है।ठंडल ने बताया कि पंजाब सरकार की दिलचस्पी इस बात में भी है इस जेल में तैयार होते फर्नीचर का कार्य बढाया जाए ताकि सरकारी स्कूलों या अन्य सरकारी संस्थानों को फर्नीचर की बडी सप्लाई यही से की जा सकें। इसके अतिरिक्त जेल में कैदियों को वैल्डिंग व अन्य व्यवसायिक कोर्स भी करवाए जा रहे है बीते कुछ समय पहले ही स्थानीय गुरूनानक इंजीनियरिंग कालेज के सहयोग से 70 से अधिक केैदियों को पलम्बर, इलैक्ट्रीशियन,कारपेंटर व वैल्डर का प्रशिक्षण दिया गया है ताकि उनको रिहाई के बाद नौकरी या अपना कोई व्यवसाय स्थापित करने में कोई समस्या पेश ना आए।

जेल सुपरिडैंट एसपी खन्ना ने मंत्री क ो अवगत करवाया कि जेल में स्थापित समूह यूनिटों को बंदी अपने स्तर पर चला रहे है। केैदियों को जीवन के असली उदेश्य समझने और उचित जीवन जीने के लिए शीघ्र ही आर्ट आफ लिविंग की कक्षाए भी शुरू की जा रही है इसीप्रकार कैदियों को हाथों से काम करने के साथ साथ अन्य गतिविधियों से भी जोड़ा जा रहा हैं। जैसे की भंगड़ा टीमें  अच्छी अच्छी प्रोफैशनल टीमों को मात देती हेँै। उन्होने बताया कि जेल में ुकुछ महीने पहले करवाई गई पंजाब जेल ओलपिंक खेलों में जेल की कबडडी, रस्साकस्सी, एथलैटिक्स , कुश्ती व अन्य टीमों ने बेहतर प्रदर्शन करके ओवरआल ट्राफी जीती इसीप्रकार कैदियों को शारीरिक तौर पर फिट रखने के लिए जेल में खेती का कार्य भी किया जा रहा हैँ। तीन समय की रोटी खाने के लिए प्याज लहसुन व हरी सब्जियां केैदियो द्वारा स्वयं ही तैयार की जा रही हैं। वर्णनीय है कि यह कैदी अपने जीवन में लगातार अच्छे बदलावा ला रहे है जेल प्रशासन के सहयोग से जहां कैदियों में मानवता की भावना का विकास हो रहा है वही सजा दौरान मृत्यु दर में काफी कमी आई है। यही कारण है कि पिछले वर्ष उत्तराखंड में घटित प्राकृतिक आपदा दौरान इन कैदियों ने पीडि़त लोगों के लिए 21000 रूपये की राशि एकत्रित करके उत्तराखंड रिलीफ फंड के लिए भेजी थी।