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रविदास जयंती पर ऊना में कवि सम्मेलन आयोजित

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

ऊना 24-Feb-2013

श्रीगुरु रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर स्थानीय बचत भवन में हिम कला एवं संस्कृति उत्थान समिति (पंजी) द्वारा राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें एग्रो पैकेजिंग के पूर्व वाईस चेयरमैन ओंकार शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की जबकि वरिष्ठ साहित्यकार विनोद लखनपाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस कवि सम्मेलन में राणा शमशेर, मेहरम उन्नवी, एलआर झींगटा, भक्त वत्सल शर्मा, कृष्ण कुमार लद्दाखी, जयगोपाल शर्मा, सविता शर्मा, डा. रमन, डा. सुभाष, योगेश सूद, बालकृष्ण सोनी, सरोज मोदगिल, प्रेमकांता धाम, शम्भू प्रकाश शर्मा, एसडी शर्मा सहोड़, सुप्रिया शर्मा, अशोक कालिया, कृष्ण मोहन पांडेय, विक्रम शर्मा समेत तीस वरिष्ठ व नए कवियों ने कविता पाठ किया। अधिकांश कवियों ने जहां श्रीगुरु रविदास के संदेश को अपनी कविता का विषय बनाया, वहीं कई कवियों ने भ्रष्टाचार सहित मौजूदा व्यवस्था पर तंज भी कसे। मुख्यातिथि ओंकार शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि श्रीगुरु रविदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और उन्होंने मानवता का संदेश इस दुनिया को दिया था। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास ने ऊंच-नीच की भावना और ईश्वर भक्ति को लेकर किए जाने वाले विवादों को निरर्थक बताते हुए यह संदेश दिया था कि ईश्वर एक है और ईश्वर भक्ति के लिए सदाचार और पवित्र भावना जरूरी है। शर्मा ने इस अवसर पर कवियों की फरमायश पर तरन्नुम में ये पंक्तियां सुनाकर खूब वाहवाही लूटी- हर इक रंज में राहत है, जिंदगी के लिए, पैयामें मौत भी मुजरा है, जिंदगी के लिए, बागों में लाखों ही फूल खिलते हैं, बहार आती है, लेकिन किसी किसी के लिए। वरिष्ठ साहित्यकार विनोद लखनपाल ने - मैं मानव हूं शीर्षक से कविता पढ़ते हुए कहा कि आवागमन के चक्कर में घूमते हुए, उनसे मुक्ति की कामना है। वरिष्ठ कवि राणा शमशेर ने गीत सुनाकर खूब दाद बटोरी। गीत की पंक्तियां हैं- रे सजन घर लौट आओ, आम भी बौरा गए हैं, कोकिला के सुर सुरीले, दिल में आग लगा गए हैं। सरिता शर्मा की गज़ल की इन पंक्तियों को भी सराहना मिली - आज जब झांककर देखा है गिरेबां अपना, आईना देखकर कर सके न सामना अपना। कृष्णमोहन पांडेय की रचना की पंक्तियां भी दाद बटोरने में कामयाब रहीं- उगे नहीं कांटे गुलशन में, सबको यह हैरानी है, मौसम नया, फूल नए हैं, खुश्बू वही पुरानी है। कवि सम्मेलन देर शाम तक चला।