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हरियाणा के गुरद्वारों को राज्य सरकार के नियंत्रण में लाना सिक्ख पंथ के साथ धोखा-शरणजीत ढिल्लों

हरियाणा में गुरद्वारों का प्रबन्ध सरकारी कर्मचारियों के हाथ में होगा

5 दरिया न्यूज

चण्डीगढ़ 23-Jul-2014

शिरोमणि अकाली दल के जनरल सचिव और सिंचाई मंत्री पंजाब शरणजीत सिंह ढिल्लों ने हरियाणा के लिए अलग शिरोमणि गुरद्वारा प्रबन्धक कमेटी के पास किये गये बिल को पूरी तरह गैर संवैधानिक व राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि हरियाणा के गुरद्वारों को राज्य सरकार के नियंत्रण अधीन लाना सिक्ख पंथ के साथ बहुत बड़ा धोखा है। उन्होंने कहा कि इसको 'मनी बिल श्रेणी में पास करवाना एक राजनीतिक चाल है जिसको सिक्ख बर्दास्त नहीं करेंगें। ढिल्लों ने आज यहां जारी एक प्रैस  बयान में कहा कि हरियाणा के लिए अलग शिरोमणि गुरद्वारा प्रबन्धक कमेटी के कानून को हरियाणा विधान सभा में पास करवाने का समय ही इसके छूपे हुए हितों को बयान करता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने जानबूझ कर इस बिल को मनी बिल की कैटागरी में पास करवाया है ताकि इसको राष्ट्रपति से स्वीकृति की जरूरत न पड़े। जबकि संविधान अनुसार यह बिल रिलीजियस कानून के तहत सिविल बिल अधीन आता है और यह मामला कनक्रंट लिस्ट में होने के कारण इसको भारत के राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत किया जाना था। 

ढिल्लों ने कहा कि हरियाणा सरकार ने एक गैर संवैधानिक कानून बनाकर सिक्ख गुरधामों को अपनी सरकारी सम्पत्ति करार दे दिया है और श्रद्धालुओं द्वारा गुरूघर में चढ़ाई जाने वाली माया को भी सरकारी खजाना बना लिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा पवित्र सिक्ख अस्थानों की सेवा संभाल के लिए जिनको प्रबन्ध सोंैपने की चाल चली जा रही है वास्तव में वह हरियाणा सरकार के मसंद हैं। जो सरकारी खजाने से वेतन लिया करेंगें। स. ढिल्लों ने कहा कि हरियाणा सरकार की यह कार्रवाई पंथक जजबातों के लिए असहनीय है कि पँथ के धार्मिक मामलों से सम्बन्धित एक्ट को तोडऩे के लिए हरियाणा सरकार ने अपनी कार्रवाई को एक माईक या मनी बिल का नाम देने का गुनाह किया है इसका सीधा सीधा अर्थ यह है कि गुरूधामों में संगतों द्वारा अथाह श्रद्धा से चढ़ाई जाती माया गुरू घर की नहीं बल्कि हरियाणा सरकार के खजाने की सम्पत्ति बन गई है। उन्होंने कहा कि गुरूधामों की सेवा भी अब पँथ के प्रतिनिधियों के हाथ नहीं बल्कि हरियाणा की कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित किये कर्मचारियों के हाथ सौंपने की बात की जा रही है। 

ढिल्लों ने अलग हरियाणा कमेटी को सिक्खों के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि हुड्डा में पिछले दस वर्षों में चौथी बार सिक्खों को अलग कमेटी के नाम पर बांटने की नाकाम कोशिशें की हैं और अब आगामी विधान सभा चुनावों में कांग्रेस की संभावी हार को देखते हुए राजनीतिक ड्रामा रचा है। स. ढिल्लों ने कहा कि भारत के इतिहास में शिरोमणि गुरद्वारा प्रबन्धक  क कमेटी का विलक्षण इतिहास है और अनेकों कुर्बानियां और सिक्खों की शहीदियों के बाद गुरद्वारों का प्रबन्ध महंतों से छीन कर सिक्खों ने हासिल किया था। उन्होंने बताया कि 1925 में सिक्खों द्वारा गुरद्वारों का प्रबन्ध हासिल करने के बाद ज्वाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी ने कहा था कि यह देश क ी आजादी की पहली लड़ाई लड़ी गई है।ढिल्लों ने आगे कहा कि स. प्रकाश सिंह बादल ने अपनी पूरी जिन्दगी सिक्ख कौम और  पंजाब के हितों को समर्पित की है और वह आज भी शिरोमणि गुरद्वारा प्रबन्धक कमेटी को टुकड़े-टुकड़े होने से बचाने के लिए प्रत्येक सँभव यत्न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता के नशें में चूर किसी व्यक्ति को किसी धर्म में दखल अंदाजी करनी असूलों से ही गलत है।