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प्रभु को अभिमान से नहीं बल्कि भक्ति से पाया जा सकता है : गौरव कृष्ण शास्त्री

श्री बाबा तारा कुटिया में हुआ श्री कृष्ण व रुकमणी जी के विवाह का मंचन

5 दरिया न्यूज

सिरसा 22-Jul-2014

शिवरात्री पर्व के उपलक्ष्य में श्री बाबा तारा चैरीटेबल ट्रस्ट द्वारा रानियां रोड स्थित तारकेश्वरम् धाम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण व रुकमणी जी के विवाह का सुंदर मंचन किया गया। इस अवसर पर कलाकारों ने विधिवत रूप से श्री कृष्ण व रुकमणी जी के विवाह का दृश्य प्रस्तुत किया। जिस पर हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने नाचकर विवाह की खुशियां मनाई। इस अवसर पर कथा वाचन के लिए वृंदावन से पधारे आचार्य श्री गौरव कृष्ण जी महाराज ने भागवत ज्ञान की अमृता वर्षा करते हुए कहा कि इंसान का जीवन व मृत्यु सब प्रभु के हाथ में है। उन्होंने कहा कि इंसान को जब सुख सामथ्र्य प्राप्त होता है तो वह भगवान को भूल जाता है। किंतु भगवान कभी भी अपने भक्तों को नहीं भूलते और सदैव अपने भक्त की रक्षा करते हैं। इस अवसर पर गौरव कृष्ण जी महाराज ने कहा कि जब बृजवासियों पर इंद्र देव का प्रकोप था। तब श्री कृष्ण जी ने विशालकाय गिरीराज पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर सभी बृजवासियों की रक्षा की थी और जब बृजवासी इसका श्रेय प्रभु को देने लगे तो उन्होंने कहा कि इसमें मैंने कुछ नहीं किया। यह तो आप द्वारा खिलाए गए माखन की शक्ति से ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे जाहिर है कि भगवान हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं, किंतु कभी उसे जताते नहीं है। 

गौरव कृष्ण जी ने कहा कि प्रभु को कभी कोई नहीं हरा सकता। किंतु जो भक्त बांके बिहारी से सच्चा प्रेम करते हैं, उनकी भक्ति के आगे प्रभु को भी झुकना पड़ता है। शास्त्री जी ने कहा कि भगवान कभी भी अपने भक्त के सम्मान को नीचे नहीं गिरने देते। परंतु भगवान कभी भी अभिमानी को पसंद नहीं करते। उनको कभी भी अभिमान से नहीं पाया जा सकता, प्रभु को पाने के लिए उसकी भक्ति करनी पड़ती है। कथा के दौरान गौरव कृष्ण शास्त्री जी द्वारा गाए गए भजन 'गोपाल सहारा तेरा है, नंदलाल सहारा तेरा है 'राधे-राधे-राधे, गोबिंद राधे पर श्रद्धालु जमकर झूमे। कथा विश्राम के अवसर पर श्री बाबा तारा कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने बाबा तारा जी की आरती की व उपस्थित श्रद्धालुओं से 23 जुलाई को भजन संध्या में आने का न्योता देते हुए कहा कि बाबा तारा जी की कृपा से 23 जुलाई को सायं 8 बजे भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मशहूर भजन गायक सतिंद्र सरताज व सूफी गायक लखविंद्र वडाली अपनी मधुर वाणी में भोले शंकर और बाबा तारा का गुणगान करेंगे। इसके पश्चात शिवरात्री के दिन 25 जुलाई को सुबह सात बजे हवन यज्ञ व नौ बजे भंडारे का आयोजन किया जाएगा।