5 Dariya News

अंग्रेजों के जमाने में बनी पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे लाइन को शायद भूल गई भारत सरकार

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

धर्मशाला 20-Feb-2013

अंग्रेजों के जमाने में बनी पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे लाइन को शायद भारत सरकार भूल गई है। इस ऐतिहासिक रेल मार्ग को लंबा-चौड़ा तो करना दूर, रेल मार्ग पर जो सुविधाएं पहले मौजूद थीं, अब वे भी धीरे-धीरे गायब होने लगी हैं। इससे आए दिन रेलवे स्टेशनों पर लोगों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। केंद्र में कई सरकार्रें आइं तो कई गईं, लेकिन इस रेल मार्ग की याद अभी तक किसी को नहीं आई। रेल मार्ग पर बने महत्वपूर्ण मारंडा (पालमपुर) रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं की बात करें तो यहां पर यात्रियों को कई समस्याएं से जूझना पड़ता है। जबकि इस स्टेशन से देश भर के हर कोने के लिए रेल सीट का आरक्षण भी किया जाता है। आलम यह है कि लोग आरक्षण के लिए हमीरपुर, धर्मशाला, जोगेंद्रनगर व जयसिंहपुर से मीलों दूर चलकर कुछ रात को तो कुछ तड़के चार बजे ही लाइनों में लग जाते हैं। लेकिन समस्या यह है कि उन्हें दिन के दो बजे तक टिकट रिजर्वेशन न मिले तो अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है। इसके चलते यहां पर दो शिफ्टों में टिकट मिलने की मांग जोर पकड़ रही है और टिकट के लिए एक खिड़की के बजाए दो खिड़कियां खुलनी चाहिए। लेकिन एक ही काउंटर होने से लोगों को कई बार परेशानी उठानी पड़ती है। खास तो यह है कि रेलवे स्टेशन पर लोगों को बैठने के लिए कुर्सी तक नसीब नहीं हो पाती है। स्टेशन पर कई अन्य सुविधाओं का अभाव है। लेकिन विभाग इन सब बातों से बेखबर है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी रेल बजट में कांगड़ा रेल के हिस्से भी कुछ मिलेगा और इन स्टेशनों की हालत सुधरेगी।