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फूड प्रोसैसिंग को उत्साहित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन की उपलब्धता अनिवार्य - प्रताप सिंह कैरों

खादय एवं सिविल आपूर्ति मंत्री ने राज्य खादय प्रोसैसिंग विकास कौंसिल की छिमाही बैठक की अध्यक्षता की

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चंडीगढ 11-Jul-2014

खादय एवं सिविल आपूर्ति मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों ने आज राज्य खादय प्रोसैसिंग विकास कौंसिल (एस एफ पी डी सी)की छिमाही बैठक की अध्यक्षता करते हुये विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में फूड प्रोसैसिंग को उत्साहित करने के लिए कृ षि उपजों की उच्च गुणवत्ता विश्वसनीय बनाने के साथ साथ इस व्यवसाय से जुडे विभिंन उद्यामियेां के साथ बैठकों का निरतर सिलसिला आंरभ किया जाए। पंजाब भवन में हुई बेठक के दौरान उन्होने कहा कि दूध , गेहूं,बासमती तथा मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों में कार्य कर रहें उद्यमियों की समस्याओं के हल के लिए उनके साथ विभिंन बैठके करने के साथ ही इस क्षेत्र में विकास संभव हैं।

फूड प्रोसैसिंग के लिए उच्च गुणवता वाले उत्पादों पर जोर देते हुये स. कैरों ने निर्देश दिये कि विश्व स्तर उच्च मापदंडों पर खरा उतरने के लिए उत्पादनों के बढिया गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता यकीनी बनाने के लिए विस्तृत योजना तैयार की जाए। स. कैरों ने पंजाब विश्व विद्यालय द्वारा चावलों कीनई किस्में तैयार करने के समय अनाज की मोटाई तथा गुणवता संबधी अंतराष्ट्रीय मापदंडों को ध्यान में रखने पर भी बल दिया ताकि राज्य में से प्रोसैसिंग के बाद कृषि उपजों के निर्यात में काई कठिनाई ना आए। अनुसंधान वैज्ञानिकों ,फूड प्रोसैसिंग विशेषज्ञों , बासमती,गेहूं व दूध आदि से संबधित प्रोसैसिंग उद्योगों के प्रतिनिधियों और विभिंन वितीय संस्थानो के क्षेत्रीय मुखियों को संबोधित करते हुये स. कैरों ने बताया कि पंजाब सरकार ने गत दो वर्षो के दौरान फूड प्रोसैसिंग के क्षेत्र में 55 करोड रूपये पूजीनिवेश वाले 33 प्रोजैँक्टों को मंजूरी दी हैं। 

फूड प्रोसैसिंग के सचिव एस आर लधड़ व एन एम एफ पी के कनवीनर कम स्टेट मिशन निदेशक श्री अमित तलवाड़ ने विभाग की गतिविधियों पर प्रोजैक्टर द्वारा प्रकाश डाला व राज्य में एन एफ एम पी की प्रगति सहित पंजाब में फूड प्रोसैसिंग के लिए लाभ्रपद क्षेत्रों व समस्याओं संबधी अवगत करवाया। अपने संबोधन के दौरान विश्व बैंक के सलाहकार डा. पाल सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब में प्राथमिक प्रोसैसिंग केन्द्रो या कुलैक्षन सैंटरो की स्थापति की स्कीम लाभ्रपद सिद्ध हो सकती है । पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा. बी एस ढिल्लो ने फूड प्रोसैसिंग क्षेत्र के उद्यमियों के सामाजिक सरोकारों का विशेष जिक्र किया है उन्होने बताया कि विश्व विद्यालय द्वारा फलों,आलूयों व प्याज आदि की संभाल हेतू अनुसंधान किये जा रहे है। उन्होने कहा कि बढिया अनुसंधान कर्ता व अर्थ शास्त्री पैदा करने के लिए अनुसंधान संस्थानों को ओर उत्साहित और मजबूत किया जाए। पंजाब बायो टैक्रोलोजी के मुख्य कारी अधिकारी डा एस एस मरवाहा ने बताया कि उनकी संस्था को निर्यात हेतू बासमती सहित अन्य कृषि उपजों की टैस्टिंग व सत्यापन के लिए एपेडा द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। 

राज्य में फूड प्रोसैसिंग के लिए विकास मुखी योजनाए बनाने व उद्यमियो एवं उद्योग पक्षीय नीतिया बनाने या उन में संशोधन करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकारो को दिशा देने के सक्षम संस्थान एस एफ पीडी सी राज्य में फूड प्रोसैसिंग को उत्साहित करने के लिए उद्योगों , अनुसंधान एवं वितीय संस्थानों व फूड प्रोसैसिंग स्कीमें लागू करने एंजसियो से निरतर तालमेल रखती है व आवश्यक दिशा निर्देश देती हेँ। इस कौसिंल में अनुसंधान वैज्ञानिक , फूड प्रोसैसिंग विशेषज्ञों , बासमती , गेहं व दूध आदि से संबधित प्रोसैसिंग उद्योगों के प्रतिनिधियो व विभिंन वितीय संस्थानों क्षेत्रीय मुखी बतौर सदस्य शामिल किये जाते है।

बैठके के दौरान समस्त कौसिल सदस्य इस बातपर सहमत हुये कि केन्द्रीय स्कीमों अधीन फंडों  के वितरण कृषि उपज व फालतू स्टाक से जोडी जाए ना की इसकों क्षेत्र या आबादी अनुसार वितरित किया जाए। उन्होने सुझाव दिया कि फंडों के वितरण में कंडी क्षेत्र व सीमावर्ती राज्यों को विशेष दर्जा देने संबधी केन्द्रीय फूड  मंत्रालय के पास उठाया जाना चाहिए।बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री विकास गर्ग,नेस्ले  इंडिया के सीनियर प्रंबधक स. जसपाल सिंह सिद्धू , मत्स्य पालन विभाग के निदेशक श्री बी के सूद , डेयरी विभाग के निदेशक स. इंद्रजीत सिंह , कृषि विभाग के निदेशक डा. मंगल सिंह संधू, एसबीआई के ए जीएम श्री सुरेश गोयल व प्रोजैक्ट प्रंबधक श्री सरवेश कुमार सहित वैज्ञानिक , फूड प्रोसैसिंग विश्ेाषज्ञ व बासमती गेहूं तथा दूध आदि से संबधित प्रोसँसिग उद्योगें के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।