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प्रदेश भर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का मूल उद्देश्य बच्चों का कौशल विकास है : गीता भुक्कल

5 दरिया न्यूज

झज्जर 30-Jun-2014

हरियाणा की शिक्षा व औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि प्रदेश में 142 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों तथा 95 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से लगभग 63 हजार विद्यार्थियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन प्रशिक्षण संस्थानों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई है।यह जानकारी श्रीमती भुक्कल ने आज झज्जर में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, गुढ़ा में राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के उपरांत अपने संबोधन में दी। मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा आईटीआई में पढऩे वाली लड़कियों की फीस भी माफ की गई है जबकि वर्ष 2004-05 में प्रदेश में केवल 97 आईटीआई थी और कुल 16,560 सीटें थी। 

भुक्कल ने कहा कि प्रदेश भर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का मूल उद्देश्य बच्चों का कौशल विकास है। मौजूदा सरकार द्वारा ऐसी तकनीकी शिक्षा पद्धति विकसित की जा रही है, जो विद्यार्थियों के लिए रूचिकर हो और बदलते सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश के अनुकूल है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में प्रदेश में उद्योगों को उनकी जरूरत अनुसार कुशल व दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा सुविधाओं का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात विद्यार्थी बेरोजगार न रहें इसके लिए प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ विभाग का सामंजस्य है। आज शिक्षा को बेहतर ढंग से विस्तार हो रहा है और युवा शक्ति को रोजगार के सुअवसर मिलें इसके लिए आईटीआई में रोजगारपरक कोर्स शुरू किए गए हैं। 

औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री ने बताया कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में लड़कियां सिलाई कढाई के साथ-साथ मैकेनिक, इलैक्ट्रिशियन व फिटर जैसे ट्रेड में भी प्रवेश ले रही हैं। उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए नवीनतम मशीनरी व उपकरणों की खरीद की गई है। प्रदेश के सभी राजकीय आईटीआई व निजी आईटीआई में सभी ट्रेड के विद्यार्थियों को अनिवार्य कंप्यूटर शिक्षा के अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी साक्षरता भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के वर्ष 2004-05 के योजनागत बजट को 13.98 करोड़ रूपए से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2014-15 में 225.65 करोड़ रूपए किया गया है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे तकनीकी शिक्षा प्राप्त करते हुए अपनी श्रेष्ठता को प्रदर्शित करें ताकि रोजगार के बेहतर विकल्प उनका स्वागत करें।