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अपनी पेयजल योजना सरकारी उपेक्षा के चलते बीच मझदार में ही लड़खड़ाने लगी

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

ज्वालामुखी 07-Feb-2013

ज्वालामुखी से सटे बोहन इलाके के लोगों की अपनी पेयजल योजना सरकारी उपेक्षा के चलते बीच मझदार में ही लड़खड़ाने लगी है । हाालात यही रहे तो योजना अस्तित्व अगले कुछ महीनों में ही मिट जाएगा । बदलते युग में सहकारिता की इस अदभुत मिसाल को जिन्दा रखने में कोई भी साहस नहीं जुटा पा रहा है । हिमाचल प्रदेश में यह अपनी तरह की करीब चालीस साल पहले बनी योजना है । जिसमें सरकारी भागीदारी न के बराबर है । बोहण वाटर सप्लाई स्कीम लाला अमर चन्द के सृजनात्मक सोच का नतीजा थी । साठ के दशक में उन्होंने चन्द घरों को केन्द्रित कर ज्वालामुखी की कालीधार के एक चशमे से यहां पानी पहुंचाया । लेकिन सत्तर के दशक में इसका विस्तार किया गया । इसमें मेजर सोहनलाल ने महत्वपूर्ण रोल अदा किया । संर्वद्घन एवं विस्तार के तहत बनाए गए टैंक का उदघाटन शान्ता कुमार ने किया । करीब दो हजार लोगों को यहां से पानी दिया जाता है । इसके लिए बाकायदा एक कमेटी बनाई गई है । कई सालों तक इसके अध्यक्ष पद पर डा. आर. के . कुण्डु रहे । लोगों को कमेटी ने घर-घर कुनैक्शन दिए । व रखरखाव के लिए रखे मजदूर मिस्त्रियों के वेतन का भार भी लोगों ने दी सेवा शुल्क कमेटी को देका चुकाया । योजना में लम्बे अरसे में कई उतार चढ़ाव देखे । एक समय ऐसा था जब लोग निस्वार्थ सेवा भाव से एक दिन इकट्ठे होकर स्त्रोत व दूसरे टैंको को खुद साफ करते थे। लेकिन अब किसी के पास वक्त नहीं है । तीन किलोमीटर लम्बी पाईप लाईन जर्जर हालत में है । लोग कमेटी को अब यूजर चार्ज भी नहीं देते जिससे आर्थिक हालत बिगड़ी है । लेकिन कोई भी मदद को आगे नहीं आ रहा । 1993-94 में इ. सी. पी. महाजन ने इस योजना को आई. पी. एच. विभाग में समायोजित करने की बात आगे बढ़ाई थी, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई । इसके लिए तत्कालीन विधायक केवल सिंह पठानिया व कमेटी के लोगों में बात हुई थी । कई सालों बाद हालात बद से बदतर हो गई है । योजना अन्तिम सांसे गिन रही है । यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब सरकार की अपनी योजना हिम्मत हारने लगी है । विभाग की ज्वालामुखी वाटर सप्लाई स्कीम का घालमेल किसी से छिपा नहीं है । रमेश धवाला ने अपने कार्यकाल में इसके लिए सप्लाई की गई पाईप की जांच करवा देहरा के एक्सीयन को सस्पेंड भी कराया , लेकिन सुधार नहीं हुआ । आज हर दूसरे दिन यह पाईप फट जाती है । 6 किलोमीटर लाईन घटिया पाईपों की वजह से चन्द सालों में बेकार हो गई है । दलील दी जा रही है कि सरकार को बोहण वाटर सप्लाई के लिए जल्द कदम उठाने चाहिए । देहरा के अधिशाषी अभियन्ता पी सी दरोच ने समस्त मामले की रिर्पोट मंगवाने की बात कही है । वहीं ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने बताया है कि वह मामले को सिंचाई मंत्री के समक्ष उठायेंगे। ताकि योजना का पुराना वैभव बचा रहे ।