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प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं : कैप्टन अजय सिंह यादव

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चंडीगढ़ 26-Jun-2014

''प्रदेश में बिजली उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता बढक़र 10277 मेगावाट हो गई है तथा बिजली की कोई कमी नहीं है। इस समय सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को शैड्यूल से ज्यादा बिजली की आपूर्ति की जा रही है।हरियाणा के बिजली मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने आज जिला रेवाड़ी के गंाव गंगायचा जाट में 20 करोड़ रुपये की लागत से नव-निर्मित 132 के.वी. सब-स्टेशन का उद्घाटन तथा गंाव कमालपुर में 1.80 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 33 के.वी. स्तर के सब-स्टेशन का शिलान्यास करने के उपरांत ग्रामीणों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।  कैप्टन यादव ने कहा कि प्रदेश में बिजली की मांग में 10 से 15 प्रतिशत की वार्षिक बढ़ौतरी हो रही है। गत वर्षों में सरकार ने न केवल सालाना बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बल्कि प्रदेश में बिजली की कमी को भी पूरा करने के लिए बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता में तेजी से बढ़ौतरी की है। प्रदेश की अपनी बिजली उत्पादन क्षमता जो 2004-05 में मात्र 1587 मेगावाट होती थी, वो बढक़र तीन गुणा 5300.50 मेगावाट हो गई है, शेष बिजली प्रदेश के बाहर उपलब्ध स्रोतों से लेने का प्रबन्ध किया गया है।

प्रदेश में भविष्य में बढऩे वाली बिजली की मांग को पूरा करने के लिए जिला फतेहाबाद में 14500 करोड़ रुपये की लागत से 2800 मेगावाट क्षमता का न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है।  फरीदाबाद में 1500 मेगावाट क्षमता का गैस आधारित थर्मल पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा, यमुनानगर में 660 मेगावाट क्षमता की एक सुपर क्रिटीकल टैक्नोलॉजी वाली थर्मल इकाई की स्थापना की योजना को मंजूरी दी गई है।उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति का वर्तमान निर्धारित शैड्यूल उद्योगों के लिए 20.30 घंटे, शहरों के लिए 20 घंटे, ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 14 घंटे तथा कृषि के लिए आठ घंटे का है, जबकि वास्तव में बिजली की आपूर्ति प्रतिदिन उद्योगों व शहरों में 23 से 24 घंटे तथा ग्रामीण व कृषि क्षेत्र को भी शैड्यूल से ज्यादा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि खेती के लिए भरपूर बिजली की आपूर्ति की जाने का प्रयास रहेगा। आगामी सितम्बर मास तक प्रदेश में 8100 से 8300 मेेगावाट तक बिजली की मांग सम्भावित है, जबकि इस समय के लिए 10600 मेगावाट बिजली का प्रबन्ध किया गया है।बिजली मंत्री ने कहा कि बिजली सम्बन्धी शिकायतों के तत्काल निवारण के लिए उपभोक्ताओं को टोल फ्री नम्बर 18001801615 का उपयोग कर कॉल सैंटर पर शिकायतें दर्ज करवानी चाहिए।  बिजली निगमों की कंप्यूटरीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (सी.जी.आर.एस.) के माध्यम से शिकायतों का निवारण तय समय अनुसार किया जाता है और यह कार्य उच्च अधिकारियों की नजर में रहता है। उन्होंने कहा कि नये बिजली कनैक्शन लेने का कार्य अब ऑनलाईन हो रहा है। सभी औद्योगिक कनैक्शनों के आवेदक और 20 किलोवाट या इससे ज्यादा लोड वाले अन्य श्रेणियों के आवेदकों के लिए यह सुविधा शुरू की जा चुकी है।

कैप्टन यादव ने कहा कि गंगायचा जाट में 132 के.वी. स्तर के नव-निर्मित इस सब-स्टेशन के निर्माण पर लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत आई है। प्रारम्भ में यहां 25-25 एम.वी.ए. क्षमता के दो ट्रांसफार्मर रखे गए हैं जिन्हें बिजली प्राप्ति के लिए 220 के.वी. सब-स्टेशन लूला अहीर से जोड़ा गया है। इस सब-स्टेशन के निर्माण से 220 के.वी. सब-स्टेशन रेवाड़ी को लोड से राहत मिलेगी और  33 के.वी. स्तर के सब-स्टेशन कालूवास, पालावास, गुरावड़ा, जे.सी.-।। जाटूसाना तथा 33 के.वी. सब-स्टेशन काकोडिय़ा से बिजली प्राप्त करने वाले 64 गंावों के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को बेहतर वोल्टेज व लगातार बिजली आपूर्ति का सीधा लाभ हुआ है, जबकि हजारों अन्य उपभोक्ता अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए हैं।कमालपुर में बनने वाले 33 के.वी. स्तर के सब-स्टेशन के निर्माण पर 1.80 करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्रारम्भ में यहां 10 एम.वी.ए. क्षमता का एक पावर ट्रांसफार्मर रखा जाएगा जिसे बिजली प्राप्ति के लिए 132 के.वी. सब-स्टेशन बावल से जोड़ा जाएगा। इस सब-स्टेशन के निर्माण से आस-पास के 11 गंावों इब्राहिमपुर, कमालपुर, बगथला, कसौला, कसौली, बाखापुर, लोढ़ाना, मुकंदपुर बसई, गढ़ी, बोलनी तथा खेड़ी मोटला के 3577 उपभोक्ताओं को बेहतर वोल्टेज व लगातार बिजली आपूर्ति का सीधा लाभ होगा, जबकि 50 अन्य गंावों के विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ता भी अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। इस सब-स्टेशन का निर्माण कार्य आगामी 12 महीने में पूरा कर लिया जाएगा।