कांगड़ा के 69 स्कूलों को अपग्रेड किया
5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)
धर्मशाला 29-Jan-2013
शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के अंतर्गत 2009-10 में जिला कांगड़ा के 69 स्कूलों को अपग्रेड किया है। लेकिन लगभग चार साल बीतने के बाद भी अभी तक इन स्कूलों में किसी भी आधारभूत ढांचे का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इसे महकमे की लापरवाही कहें या स्कूलों की। लेकिन इन दोनों के बीच विद्यार्थी पिसे जा रहे हैं। इन स्कूलों के विद्यार्थी सरकार द्वारा सुविधा मुहैया करवाए जाने के बावजूद उसका लाभ उठाने से वंचित हैं। जिला कांगड़ा के इन स्कूलों को अपग्रेड तो कर दिया गया। लेकिन इनमें आधारभूत ढांचे के निर्माण का बीड़ा किसी नहीं उठाया। हालांकि विभाग से आरएमएसए के तहत करोड़ों का बजट जारी हुआ है। लेकिन चार साल के बाद भी यह फाइलें विभाग के कार्यालयों में ही जूझ रही हैं। जिला कांगड़ा के अपग्रेड हुए स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बीड़, संसाल, डरोह, धीरा, सुलह, बठरा, डाडासीबा, जंबल, बनखंडी, कथोग, मुहल, सुराणी, घलौर, करेरी, मंदल, हौरी देवी, खटियार, रैहन, स्थाना, फतेहपुर, भोग्रवां, दह कुलाड़ा, इंदौरा, लोधवां, मोहटली, बसंतपुर, ठाकुरद्वारा, हरमार, मतलाहर, पलौरा, सिद्धपुर, गुगलाड़ा, नया कांगड़ा, कोठार रानीताल, आलमपुर, थुरल, नगरोटा बगवां, पठियार, रजियाणा, घार जरोट, लंज, नगरोटा सूरियां, भडवार, कुठेड़, लदोड़ी, नूरपुर, सदवां, सुलियाली, अमनी, चचियां, लाहला, कंडवाड़ी, सलहेरा, राजपुर, रक्कड़, ढुगियारी, दुरगेला, हारचक्कियां, कलियाड़ा, रैत, रेहलू, शाहपुर, राजा का तालाब, भड़ोली कोहाला, मझीं, पीर सलूही, कुटियारा व राजकीय हाई स्कूल ज्वालामुखी, बारी कंदरोड़ी, जिया, सलहेरा व गंगथ स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों में आरएमएसए के तहत कंप्यूटर रूम, लाइब्रेरी, लैब, आर्ट एंड क्राफ्ट व अन्य सुविधाएं मुहैया होनी हैं। इन स्कूलों को ढांचे के निर्माण के लिए जमीन संबंधित ब्योरा विभाग के कार्यालय में जमा करवाना होगा। स्कूल विभाग की वेबसाइट से इसका पूरा परफार्मा देख सकते हैं। प्रदेश में आरएमएसए के तहत कुल 351 स्कूलों का चयन हुआ है। इस अभियान के तहत स्कूलों में सभी तरह के आधारभूत ढांचे को तैयार कर विद्यार्थियों को मुहैया करवाया जाएगा। वहीं शिक्षा उपनिदेशक भजन सिंह का कहना है कि इन स्कूलों को संबंधित ब्योरा तुरंत जमा करवाना होगा, जिससे आधारभूत ढांचे के निर्माण में और देरी न हो।