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ठाकुर कौल सिंह ने की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भेंट

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शिमला 06-Jun-2014

हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन से भेंट कर उन्हें मंत्री पद ग्रहण करने पर बधाई  दी।  उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि हिमाचल के स्वास्थ्य इंडिकेटरज देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है। उन्होंने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के दल ने द्वारा इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आई.जी.एम.सी.), शिमला में कुछ कमियां पाई हैं, जिन्हें शीघ्र दूर किया जाएगा।  स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दो मेडिकल कालेज सरकारी क्षेत्र में कार्यरत हैं और एक ई.एस.आई. मेडिकल कालेज भी शीघ्र ही कार्य करना आरम्भ कर देगा। इसके अलावा, प्रदेश में इस वर्ष से एक निजी मेडिकल कॉलेज ने कार्य करना आरम्भ कर दिया है, जिसमें एमसीआई ने 150 सीटें प्रति वर्ष निर्धारित की हैं। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की सीटें कम न करने का आग्रह किया है क्योंकि इन कॉलेजों में अधोसंरचना सुविधाएं विकसित की गई हैं और यहां पर्याप्त संख्या में स्टाफ कार्यरत है। दोनों कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटे यथावत बनाए रखना आवश्यक है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा किया जा सके। 

उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इस बारे में अपना पक्ष भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष रखने का अवसर प्रदान करने का आग्रह किया।ठाकुर कौल सिंह ने अनुरोध किया कि हिमाचल प्रदेश में भी एम्स की तर्ज पर एक अस्पताल की मंजूरी प्रदान की जाये।  इस बारे में केन्द्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार राज्य द्वारा 100-150 एकड़ भूमि का चिन्हांकन करने पर ऐम्ज स्तर के अस्पताल के लिए की मंजूरी देने पर विचार करेगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को प्रदेश भ्रमण का आमंत्रण भी दिया।केन्द्रीय मंत्री कहा कि वह शीघ्र ही राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों का एक सम्मेलन आयोजित करेंगे, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़े मामलों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। श्री कौल सिंह ठाकुर ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को आश्वासन दिया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए स्वीकृत नये मेडिकल कॉलेजोें को शीघ्र तैयार करने का आग्रह किया ताकि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा किया जा सके।