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आचार्य मोहल्ले के वासीयों मे गली न बनने से रोष

बिजली की लटकती तारों से हर समय बना रहता है डर

5 दरिया न्यूज (कौशिक)

घरौण्डा 05-Jun-2014

आचार्य मोहल्ले के वासी आजकल नारकीय जीवन जीने को मजबुर है। नपा प्रशासन की अनदेखी के कारण यहां के वासीयों का जीना दुर्भर हो गया है कई बर्पों से इस मोहल्ले की गली नही बनाई गई। बार बार कहने पर भी यहां के वासीयों की आज तक सुनवाई नही हो पाई। जबकी सारे शहर मे गलियों का सुधार किया जा चुका है। कई जगह तो सही सडकों को तोडकर वहां नई सडक तक बनाने की भी चर्चाएं हैं। और आचार्य मोहल्ले की गली का नम्बर एक बार भी नही आया। सीवरेज डलने के बाद गली नही बनाई गई। इसी से क्षुब्ध होकर 20 मई को स्टौंडी मे लगे खुले दरबार मे भी गली व बिजली की लटकती तारों की लगभग 50 लोगों द्वारा हस्ताक्षरित शिकायत मोहल्ला वासीयों ने डी सी महोदय के समक्ष रखी थी। लगभग 25 दिन बीत जाने पर भी आज तक कोई भी अधिकारी इन समस्याओं को सुलझाने तो क्या, देखने तक भी नही आया। जबकी डी सी महोदय ने मौके पर ही कार्यवाही के आदेश जारी कर दिये थे। हैरानी है कि डी सी के आदेशों की कथित अधिकारी कितनी परवाह करते हैं। वहीं दुसरी तरफ इस मौहल्ले मे जगह जगह गंदगी के अम्बार लगे है। मोहल्ला वासी राजेश, सुदेश,विनोद के अलावा दर्जन भर लोगों ने बताया कि यहां तक र्सा कर्मचारी पहुंचते ही नही। तो सफाई क्या होगी। गंदगी के ढेर यहां वहां देखे जा सकते हैं। 

ये कहते हैं इस वार्ड के पार्षद के पति-

इस सम्बद्व मे जब इस वार्ड के पार्षद के पति पुरूषोत्तम सेठी फोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि 21 मई के आसपास इस गली का आन लाईन टेण्डर जीन्द के एक ठेकेदार के नाम छोडा गया था। मगर ठेकेदार काम करने की बात कहकर टरकाता रहा। पर काम मे देरी करता रहा । फिर पार्षद ने इस बात को चैयरमैन के सामने रखा,तो जेई ने ठेकेदार को  03 जून 2014 को सात दिन के अन्दर कार्य करने का नोटिस जारी कर दिया है, फिर भी ठेकेदार काम शुरू नही करता है तो तीन दिन का शार्ट नोटिस दिया जा सकता है। उसके बाद काम न करने पर टेण्डर रद्द कर नया टेण्डर जारी किया जा सकता है। चर्चा है कि यह टेण्डर यहां से बाहर नौकरी कर रहे रिश्तेदार के कहने से इस ठेकेदार को दिया गया था। जिसे बाद मे इस टेण्डर मे नुकसान होता नजर आया। ओर अब काम करना नही चाहता। मगर इसका खामियाजा भुगत रहे हेैं आचार्य गली के वासी। लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे ठेकेदारों को डिस्क्वालिफाई कर देना चाहिए ताकी भविष्य मे न तो प्रशासन को और न ही लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पडे।