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केंद्रीय स्वास्थय मंत्री द्वारा प्रत्येक राज्य में एम्ज की तर्ज पर अस्पताल स्थापित करने का प्रस्ताव -ज्याणी

स्वास्थय मंत्री ज्याणी ने दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डा. हर्षवर्धन से की मुलाकात

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दिल्ली /चंडीगढ़ 01-Jun-2014

पंजाब के स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी ने दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को मिलकर बधाई दी और पंजाब में स्वास्थय सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए विचार विमर्श किया। इस बैठक की जानकारी देते हुए ज्याणी ने बताया कि पंजाब में बेहतर स्वास्थय सुविधाअं के लिए प्राथमिक ढांचे को और मज़बूत करने के लिए पूर्ण सहयोग का भरोसा देते हुए केंद्रीय स्वास्थय मंत्री ने कहा कि एन डी ए का मुख्य एजेंडा लोगों को समय पर और निशुल्क स्वास्थय सुविधांए प्रदान करना है। ज्याणी ने बताया कि डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि विशेषकर गरीब और गांवों के लोगों को उनके समीप क्षेत्रों में स्वास्थय सुविधांए प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाये जायें। ज्याणी ने कहा कि पंजाब में भारतीय ईलाज पद्धति को मज़बूत करने के लिए पेश किए सुझावों संबंधी डॉ. हर्षवर्धन ने भरोसा दिलाया कि आयुर्वैद और होमियोपैथी ईलाज प्रणाली को मज़बूत करने के लिए केंद्र द्वारा हर सहायता मुहैया करवाई जायेगी। 

ज्याणी ने कहा कि इसके अतिरिक्त केंद्रीय मंत्री ने पंजाब में बेहतर स्वास्थय सुविधांए प्रदान करने के लिए आरम्भिक ढांचा मज़बूत करने के लिए हर प्रकार के सहयोग की बात कही है । ज्याणी ने बताया कि बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यों में ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मैडिकल साईसिज की तर्ज पर अस्पताल स्थापित करने का प्रस्ताव भी पेश किया है, जिसके लिए उन्होंने सभी मुख्यमंत्रीयों को इस प्रस्ताव का लाभ उठाने की अपील भी की है। डॉ. ज्याणी ने कहा कि ऐसे अस्पताल सरकार द्वारा लोगों क ो मुफ्त स्वास्थय सुविधाओं के लिए होंगे और इनसे किसी भी निजी कंपनी को मुनाफा कमाने नही दिया जायेगा। श्री ज्याणी ने आगे बताया कि यह आम धारणा है कि अधिकतर डॉ. गांवों में काम करने से कतराते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों या छोटे शहरों के डाक्टरों को नौकरी के लिए बड़़े शहरों की तरफ रुख करने के लिए मज़बूर होना पड़ता है जहां उनको स्थापित होने के लिए काफी समय लग जाता है। उन्होंने बताया कि इसलिए डॉ. हर्षवर्धन ने प्रस्ताव पेश किया है कि एम्ज़ की तर्ज पर जिला स्तर पर सरकारी अस्पताल स्थापित किए जायें। श्री ज्याणी ने बताया कि इस मॉडल को सफलता पूर्वक लागू करने के लिए केंद्रीय मंत्री द्वारा शीघ्र ही सभी राज्यों के स्वास्थय मंत्रीयों से मुलाकात करके उनसे सुझाव लिए जायेंगे।