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शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी के मंदिर में 13 जनवरी को मकर संक्रांति के पर्व की तैयारियों को लेकर मंदिर प्रशासन की बैठक

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

धर्मशाला 02-Jan-2013

शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी के मंदिर में 13 जनवरी को मकर संक्रांति के पर्व की तैयारियों को लेकर मंदिर प्रशासन की बैठक अजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में हुई। फैसला लिया गया कि इस बार घृत मंडल पर्व को और भव्य तरीके से मनाया जाएगा। मकर संक्रांति पर अंबाला के श्रद्धालु की ओर से यहां भगवती जागरण का आयोजन करवाया जाएगा। मंदिर को फल, फूलों और लाइटों से सजाया जाएगा। इसी दिन से शुरू होने जा रहे घृत मंडल पर्व पर बज्रेश्वरी देवी की पिंडी पर मक्खन चढ़ाने की प्रक्रिया भी शुरू होगी। पिछली बार करीब 22 क्विंटल मक्खन का घृत तैयार किया गया था। इस बार मंदिर प्रशासन ने इससे भी बड़ा घृत तैयार होने की उम्मीद जताई है। मंदिर अधिकारी पवन बडियाल ने बताया कि 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा घृत मंडल पर्व 19 जनवरी को संपन्न होगा। पूरे पर्व के दौरान सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं के लिए लंगर की सुविधा रखी गई है। बैठक में डीएसपी दिनेश शर्मा, एसएचओ महिंद्र सिंह मिन्हास के अलावा आईपीएच, लोनिवि के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। माघ मास में मकर संक्रांति पर मंदिर में घृत मंडल पर्व का आयोजन एक किंवदंती से जुड़ा है। बताते हैं कि जलंधर दैत्य से युद्ध के दौरान माता के शरीर पर अनेक प्रकार की चोटें आईं थीं। देवताओं ने माता के शरीर पर घृत का लेप किया था। उसी परंपरा के अनुसार एक सौ एक किलो देसी घी को एक सौ एक बार शीतल जल में धोकर उसका मक्खन तैयार कर माता की पिंडी पर चढ़ाया जाता है। तैयार हुए मक्खन पर कई प्रकार के फल व मेवों की मालाएं सुसज्जित की जाती हैं। यह घृत सात दिनों तक चढ़ा रहता है। इसके पश्चात इसे प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। यह चर्चित मान्यता है कि इस प्रसाद को खाया नहीं जाता अपितु शरीर पर लगाने से कई प्रकार के चर्म रोग दूर होते हैं।