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सुखपाल सिंह खैहरा एक सिरफिरा बड़बोला: महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल

खैहरा के मजीठिया विरूद्ध आरोप उसकी कम अक्ल का सबूत

5 दरिया न्यूज

चंडीगढ़ 22-May-2014

शिरोमणि अकाली दल के महासचिव महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल ने आज सुखपाल सिंह खैहरा को सरफिरा बड़बोला करार देते हुए कहा है कि उस द्वारा अकाली नेता और पंजाब के मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया विरूद्ध बिना सिर पैर के लगाये जा रहे इल्ज़ाम इस बात का सबूत हैं कि उनको कोई गंभीर मानसिक और मनोविज्ञानिक बिमारी का सामना है। जिसकी ताव अधीन वह बिना सिर पैर के अंधाधुंध बोलते चले जा रहें हैं। श्री ग्रेवाल आज सुखपाल सिंह खैहरा के उस हताशा भरे बयान पर टिप्पणी कर रहे थे जिसमें उन्होंने पंजाब मंत्रीमंडल में सीनियर मंत्री श्री सरवण सिंह फिल्लौर के परिवार विरूद्ध लगाये गये निराधार इल्जामों को श्री मजीठिया से जोडऩे का प्रयास किया था। श्री ग्रेवाल ने कहा कि जेल मंत्री श्री फिल्लौर का केस श्री बिक्रम सिंह मजीठिया विरूद्ध लग रहे इल्जामों से बिल्कुल अलग किस्म का है। उनहोंने यह भी कहा कि दोनों मंत्रीयों विरूद्ध इल्जाम या तो जगदीश सिंह भोला जैसे सिरे के जराईम पेशा लोगों द्वारा लगाये जा रहें हैं या फिर कांग्रेस पार्टी में जड़ रहित नेताओं द्वारा जिनमें से स. खैहरा भी शामिल हैं। 'यदि श्री खैहरा या उनकी पार्टी के पास श्री मजीठिया विरूद्ध कोई सबूत है तो उन्होंने तब कार्रवाई क्यों नही की जबकि केंद्र में लगभग 10 वर्षो से उनकी सरकार थी और इस केस से भी केंद्रीय एजेंसियां ही निपट रही थी। इसके विपरित खैहरा अब बिल्कुल हास्यप्रद और घटिया दर्जे की राजनीति करके अपनी खोई हुई साख को पुन: हासिल करने का प्रयास कर रहा है। 

अकाली नेता ने आगे कहा कि लगता है कि श्री खैहरा का अपने दिमाग या अपनी जुबान पर कोई नियंत्रण नही रह गया वह दिन रात एक सांस में उल जलूल बोलते चले जा रहें हैं। उनके ऐसे व्यवहार का कारण यही हो सकता है कि वह राजनीतिक हताशा, जन अदालत में हुई बार-बार हार और या फिर उपर से पड़ती कहर की गर्मी के कारण बौखलाये हुए हैं। इस बौखलाहट में भी उनको श्री मजीठिया और श्री फिल्लौर के केस में कोई अंतर नही आता। श्री ग्रेवाल ने खैहरा को पंजाब राजनीति का लावारिस अजूबा करार देते हुए कहा कि गत् 15 वर्ष में लगातार एक के बाद एक तीन चुनाव हार चुके हैं। अभी हुई लोकसभा चुनावें में भी वह अपने क्षेत्र से 10000 से भी अधिक वोटों के अंतर से पिछड़े हुए थे। इसके विपरित श्री मजीठिया ने अपने क्षेत्र में से श्री अरूण जेतली को 21000 से भी अधिक वोटों की लीड दिलाई थी। 

मजीठिया विरूद्ध खैहरा द्वारा लगाये गये इल्जाम के कानूनी पहलू का जिक्र करते हुए श्री ग्रेवाल ने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान श्री प्रताप सिंह बाजवा मजीठिया विरूद्ध नशों के केस को माननीय पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में लेकर गये थे, परंतु माननीय कोर्ट ने उनकी पटीशन को डिसमिस ही नही कर दिया था बल्कि उनको इस केस का राजनीति करण करने से भी वर्जित किया था। परंतु इसके बावजूद भी लगता है कि श्री खैहरा और कांग्रेस पाटी्र्र माननीय अदालत का भी सम्मान करने से इंकारी है। श्री ग्रेवाल ने श्री खैहरा को याद दिलाया कि राजनीतिक स्तर पर भी श्री बिक्रम सिंह मजीठिया विरूद्ध लगाये जा रहे इल्जामों की लड़ाई वह अपने घर के आंगन में ही हार चुके हैं श्री ग्रेवाल ने कहा कि श्री खैहरा के संरक्षक और राजनीति गुरू कैप्टन अमरिंदर सिंह भी श्री बिक्रम सिंह मजीठिया विरूद्ध नशे के मुद्दों के लेकर इल्जाम लगाने से इंकार कर चुके हैं। श्री ग्रेवाल ने यह भी कहा कि पंजाब में पूर्व डी जी पी शशिकांत भी यह कह चुके हैं कि नशों के केस में वह श्री बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम नही ले सक ते फिर श्री मजीठिया विरूद्ध इल्जाम लगाने वाले केवल दो ही प्रकार के लोग बचते हैं। 'एक तरफ तो जगदीश सिंह भोला जैसे खतरनाक अंतराष्ट्रीय अपराधी और दूसरी तरफ श्री खैहरा जैसे लोगों द्वारा नकारे और तिरस्कारे गये आधारहीन नेता।