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हिमाचल प्रदेश में कौन बनेगा मुख्यमंत्री का सवाल

५ दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

शिमला 22-Dec-2012

हिमाचल प्रदेश में शनिवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी और मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। यह जानकारी पार्टी ने दी। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस विधायक दल की बैठक शनिवार को होगी।"कांग्रेस महासचिव सुधीर शर्मा ने कहा कि बैठक पार्टी मुख्यालय में शाम को होगी, जहां सभी ३६ नवनिर्वाचित विधायक उपस्थित होंगे द्विवेदी के अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व हिमाचल प्रदेश के प्रभारी बीरेंद्र सिंह भी बैठक में उपस्थित रहेंगे।यद्यपि वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का चेहरा रहे हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में नहीं पेश किया था। अगले मुख्यमंत्री को लेकर राजनीतिक गलियारों में कयासबाजियां तेज हो गई हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा, "कुछ वरिष्ठ विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं और वे वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ हैं।" पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र ने आईएएनएस से कहा, "मुझे नहीं पता कि कौन किसकी पैरवी कर रहा है। कम से कम मैं तो पैरवी नहीं कर रहा हूं। मैं हमेशा चुनाव के जरिए मुख्यमंत्री बना हूं। इस बार भी नेता का चुनाव पार्टी विधायक करेंगे।"पार्टी सूत्रों ने कहा कि २० से अधिक विधायकों ने वीरभद्र के नेतृत्व में भरोसा जताया है।इसके पहले पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा, "हर विधायक मुख्यमंत्री बनने का अधिकार रखता है। वीरभद्र के नेतृत्व में पार्टी ने जीत हासिल की है। कांग्रेस विधायक दल हाईकमांड से चर्चा करके मुख्यमंत्री पर निर्णय लेगा।" हिमाचल प्रदेश में कौन बनेगा मुख्यमंत्री का सवाल अभी भी बना हुआ है? वीरभद्र सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन खबर है कि केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा भी इस रेस में शामिल हो चुके हैं.हिमाचल प्रदेश की ६८ में से ३६ सीटों पर हाथ की छाप पड़ी है. मतलब यहां कांग्रेस की सरकार बनेगी, लेकिन लाख टके का सवाल कौन बनेगा हिमाचल का मुख्यमंत्री? फिलहाल रेस में सबसे ऊपर वीरभद्र सिंह का नाम चल रहा है.मुख्‍यमंत्री पद की दावेदारी पर वीरभद्र सिंह ने एबीपी न्‍यूज़ से बात करते हुए कहा, 'ये काम आलाकमान का है. मैंने अपना काम कर दिया है. मुझे जो जिम्‍मेदारी दी गई थी मैंने उसे पूरा किया. अब अगर मुझे और आगे की जिम्‍मेदारी सौंपी जाएगी तो मैं तैयार हूं.' वीरभद्र सिंह को भरोसा है कि आलाकमान की कृपा से मुख्यमंत्री की कुर्सी उन्हें मिल जाएगी, लेकिन खबर है कि मुख्यमंत्री की रेस में केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा भी शामिल हो चुके हैं. संसद के बाहर मुख्‍यमंत्री के सवाल पर वाणिज्‍य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, 'कांग्रेसी अपनी परंपरा के हिसाब से ये सब तय करती है. यहां पर ये टिप्‍पणी नहीं हो सकती.'केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा फिलहाल अपने पत्ते खोलने के मूड में नहीं हैं, लेकिन वीरभद्र सिंह पर लगे आरोपों की वजह से उनकी दावेदारी को बल मिल रहा है.दरअसल, वीरभद्र पर इस्पात मंत्री रहते हुए साल २००९-२००१० में इस्पात कंपनी से करीब सवा दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप लगे थे. इतना ही नहीं बीजेपी ने वीरभद्र पर आयकर रिटर्न में संपत्ति का गलत ब्यौरा देने और बीमा पॉलिसी के जरिये करोडों रुपये की हेराफेरी के आरोप भी लगाए थे. इससे पहले पैसों के लेन-देन की एक सीडी को लेकर वो विवादों में रह चुके हैं.लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने अंतिम समय में वीरभद्र सिंह पर दांव लगाया और वीरभद्र सिंह ने भी अपनी पार्टी को निराश नहीं किया.जाहिर है अपनी सफलता से उत्साहित वीरभद्र सिंह अभी से बताने में जुट गए हैं कि वो मुख्यमंत्री बनने के बाद बीजेपी के साथ क्या-क्‍या सलूक करनेवाले हैं.वीरभद्र सिंह का कहना है, 'मैं जांच करूंगा. बीजेपी की वजह से बहुत कूडा-कचरा इकट्ठा हो गया है. मैं सबसे पहले बड़ा झाडू लेकर सफाई करूंगा.'