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ए.बी.पी. न्यूज-नीलसन के ताजा सर्वे रिपोर्ट ने दोनों दलों को 32-32 सीटों पर अटका दिया

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

धर्मशाला 19-Dec-2012

अगली सरकार बनाने के दावे कर रही भाजपा तथा कांग्रेस बागियों की फांद में फंस जाएंगी। एबीपी न्यूज-नीलसन के ताजा सर्वे रिपोर्ट ने दोनों दलों को 32-32 सीटों पर अटका दिया है। इस सूरत में प्रदेश की सरकार चार अन्य विधायकों के सहयोग से बनती दिखाई दे रही है। सर्वे रिपोर्ट को मानें तो हिमाचल में इस बार भी 1998 की स्थिति दोहराए जाने के आसार हैं। उक्त रिपोर्ट में भाजपा तथा कांग्रेस दोनों की धड़कनें तेज कर दी हैं और जीत की आस में बैठे हिलोपा तथा निर्दलीय प्रत्याशियों की बांछें खिल रही हैं। हालांकि सर्वे रिपोर्ट को नकारते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह ने पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने का फिर दावा किया है। भाजपा के संगठन महामंत्री डा. राजीव बिंदल व बागबानी मंत्री नरेंद्र बरागटा ने फिर सत्ता संभालने का ऐलान किया है। बहरहाल स्टार न्यूज ने अपने सर्वे रिपोर्ट का खुलासा करते हुए कहा है कि प्रदेश में हंग असेंबली बनेगी। भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ही दलों का मुकाबला बराबरी पर छूटेगा और सरकार बनाने के लिए तीन अन्य विधायकों की जरूरत पड़ेगी। रिपोर्ट की मानें तो हिमाचल प्रदेश में 14 साल पुराना इतिहास दोहराया जाएगा। वर्ष 1998 में भाजपा को 28 तथा कांग्रेस को 34 सीटें मिली थीं। हिविकां के पांच विधायक जीत कर आए थे। लिहाजा भाजपा-हिविकां का गठबंधन होने के बावजूद इनका आंकड़ा 33 पर सिमट गया था। इसके चलते 34 सीटों वाले सबसे बड़े दल कांग्रेस को राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया था। भाजपा के बागी नेता रमेश धवाला को अपने पक्ष में लेकर कांग्रेस ने 35 का आंकड़ा छूकर अपनी सरकार बना ली थी। इसी बीच रमेश धवाला के पलटी मारकर भाजपा को समर्थन देने से 14 दिन बाद ही वीरभद्र सिंह की सरकार गिर गई थी। लिहाजा भाजपा ने कांग्रेस नेता गुलाब सिंह ठाकुर को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर 34 सीटों के साथ अपनी सरकार बना ली थी। एबीपी न्यूज-नीलसन की ताजा सर्वे रिपोर्ट चुनाव परिणामों के अनुसार रही तो इस बार भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ही दलों को तीन-तीन नए रमेश धवाला ढूंढने पड़ेंगे। ऐसा होने पर निर्दलीय विधायकों की लॉटरी लग सकती है। जाहिर है कि सत्ता की चाबी हाथ में आने पर बागी नेता मंत्री पद के अलावा अपनी सारी शर्तें पूरी करवाएंगे। हालांकि सर्वे रिपोर्ट के ये आंकड़े दोनों ही दलों को नागवार गुजर रहे हैं। 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री के अलावा मात्र दस मंत्री ही मंत्रिमंडल में रह सकते हैं। त्रिशंकु विधानसभा की बागडोर निर्दलीयों के हाथ आने पर उन्हें मंत्रिपद मिलने भी तय हैं। ऐसे में चार निर्दलीय विधायकों को मंत्री बनाकर भाजपा-कांग्रेस के दावेदार नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर सकता है। बहरहाल 20 दिसंबर को चुनावी परिणाम आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी। हिमाचल में वर्ष 2007 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की 41 तथा कांग्रेस की 23 सीटें थीं। इसके अलावा चार निर्दलीय विधायक जीते थे।