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गुजरात चुनाव के चक्कर में हिमाचल का चुनावी मजा किरकिरा

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

शिमला 16-Dec-2012

गुजरात चुनाव के चक्कर में चुनाव आयोग के शेड्यूल ने हिमाचल का चुनावी मजा पूरी तरह से किरकिरा कर दिया। 46 दिन बाद निर्णय आने का इंतजार न तो नेताओं से ही हो रहा है और न ही प्रदेश की जनता से। इस लंबी अवधि में चुनाव की पूरी रोचकता एक तरह से समाप्त ही हो चुकी है और समीकरण बनाकर कयास लगाने वालों की भी अब हवाइयां उड़ गई हैं। चुनाव आयोग ने हिमाचल और गुजरात के लिए एक साथ चुनाव शेड्यूल जारी किया था। हिमाचल में तो चार नवंबर को मतदान हो गया, लेकिन गुजरात में अब डेढ़ महीने के बाद मतदान हो रहा है। वहां चुनाव नतीजे भी तीन दिन बाद आ जाएंगे, लेकिन उसके चक्कर में हिमाचल को इंतजार करना पड़ गया वह भी इतना लंबा।  हिमाचल के चुनाव नतीजे आने को अब चार दिन शेष रह गए हैं, लेकिन चुनाव की जो दिलचस्पी लोगों में रहती है, वह अब कहीं नजर नहीं आ रही। आचार संहिता के इस लंबे चक्कर में हिमाचल का प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह से गड़बड़ा गया है क्योंकि विकास के काम नहीं हो रहे  हैं। भले ही मुख्य सचिव ने अधिकारियों को विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए और अपनी तरफ से कुछ प्रयास भी किए हैं मगर कुल मिलाकर प्रशासनिक कामकाज पटरी पर नहीं उतर पाया है। सरकारी दफ्तरों का आलम यह है कि वहां अफसर टेबल से फाइल ही नहीं हटाते। अफसरों का कहना है कि अब फाइल 20 दिसंबर के बाद ही हटेगी, देखेंगे किसकी सरकार बनती है। हर दफ्तर में यही हाल है और चारों तरफ सिर्फ नई सरकार बनने का इंतजार। आखिर हो भी क्यों नहीं यह इंतजार लंबा ही इतना है कि कटता ही नहीं। बहरहाल अब मात्र चार दिन रह गए हैं, लेकिन यहां पर जैसे लोग चुनाव में वोट डालकर भूल ही गए हैं ,क्योंकि चुनाव का जो मजा कुछ दिन में रिजल्ट आने पर रहता है वो अब नहीं है। गुजरात के चुनाव शेड्यूल ने यह सब फीका कर दिया है। मतदान होने के एक सप्ताह तक राजनीतिक दलों की जीत-हार को हर गली-चौराहे पर कयास लग रहे थे। समीकरण बनाने वालों ने तब तक किसी दल की सरकार बना दी, तो किसी को हरा दिया। मगर अब जबकि चार दिन शेष रह गए हैं तो लोगों में उस तरह की उत्सुकता नजर नहीं आती।