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हिमाचल प्रदेश की राजनीति में बदले समीकरणों ने पूरा सियासी माहौल ही बदल दिया

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

धर्मशाला 07-Dec-2012

हिमाचल प्रदेश की राजनीति में बदले समीकरणों ने पूरा सियासी माहौल ही बदल दिया है। इस बार पलड़ा भारी रखने वाले आजाद उम्मीदवारों पर भाजपा और कांग्रेस ही नहीं पुलिस भी विशेष नजर रख रही है। हालांकि उनका मकसद सुरक्षा और शांति बनाए रखने की दृष्टि से है। चुनाव परिणाम के लंबे इंतजार के दौरान हार जीत की कई शर्तें और कई टकराव भी हुए हैं, ऐसे में बड़ी एवं अप्रिय घटनाओं से निपटने के लिए सभी पुलिस अधिकारियों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है। 20 दिसंबर को चुनाव परिणामों के बाद आजाद उम्मीदवारों पर जहां भाजपा एवं कांग्रेस के नेता नजरे गड़ाए हुए हैं, वहीं माहौल को बनाए रखने के लिए पुलिस को भी पहले ही अलर्ट रहने के निर्देश जारी हो गए हैं। वर्ष 1998 में रमेश धवाला ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र से आजाद उम्मीदवार जीत कर आए थे और सरकार बनाने में उनका योगदान महत्त्वपूर्ण था। उस समय कांग्रेस ने जोर अजमाइश कर धवाला को अपने साथ ले लिया था, लेकिन बाद में धवाला ने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार से मिलने के बाद अंतिम निर्णय लेने की बात कर भाजपा को समर्थन दिया था, जिससे कांग्रेस की सरकार एक विधायक कम होने के कारण नहीं बन पाई थी। धवाला के समर्थन से 1998 में भाजपा की सरकार बनी और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने थे। इस बार के चुनावों के बाद उभर कर आ रही तस्वीर में भी आजाद उम्मीदवारों की भूमिका को महत्त्वपूर्ण बताया जा रहा है। प्रदेश के कई विधानसभा क्षेत्रों में आजाद प्रत्याशियों के जीतने के कयास लगाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं यह भी माना जा रहा है कि जीतने के बाद सरकार बनाने में इनका योगदान अहम हो सकता है। ऐसे में आजाद जीतने वालों के साथ  पुलिस भाजपा-कांग्रेस सहित आजाद जीतने वालों को भी पूरी सुरक्षा में रखेगी। एसपी दलजीत ठाकुर ने कहा कि चुनाव परिणामों के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए सभी को अलर्ट कर दिया गया है।