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बौद्घ लामा शुगदेन का विवाद एक बार फिर सुर्खियों में

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

धर्मशाला 06-Dec-2012

बौद्घ लामा शुगदेन का विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। आखिर मौजूदा दलाई लामा ने शुगदेन की धर्म पद्घति पर पूर्णतया बैन क्यों लगाया। इसका खुलासा बौद्घ धर्म के स्कॉलर जिमी रिंपोंछे की येलो बुक करती है। ग्यलुग सेक्ट के प्रमुख लामाओं पर वर्ष 1975 में प्रकाशित हुई जिमी रिंपोंछे की येलो बुक में शुगदेन को पांचवे दलाई लामा की हत्या का आरोपी बताया गया है। पुस्तक में उल्लेख है कि शुगदेन ने पांचवे दलाई लामा लोबसंग ग्यात्सो की इसलिए हत्या कर दी थी, चूंकि बौद्घ धर्म में ग्यलुग सेक्ट के प्रोटेक्टर दलाई लामा ने निंगमापा सेक्ट की भी प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। दिलचस्प यह है शुगदेन को लगभग तीन सौ से चार सौ वर्षों तक सभी दलाईलामा भी मान्यता देते आए हैं। लेकिन मौजूदा दलाई लामा तेंजिन ग्यात्सो ने बौद्घ इतिहास के गहन अध्ययन के बाद शुगदेन की प्रैक्टिस पर पूर्णतया बैन लगा दिया था। हालांकि गौर करने वाली बात है कि दलाई लामा के मुख्य ट्यूटर त्रिजंग रिंपोंछे, पोबोंग्का रिंपोंछे और लिंग रिपोंछे आदि ने चौदहवें दलाई लामा की शिक्षा दीक्षा के दौरान शुगदेन की प्रैक्टिस से भी उन्हें अवगत कराया। इस दौरान दलाई लामा स्वयं शुगदेल की धर्मपद्घति से लोगों को अवगत करवाते रहे हैं। लेकिन सत्तर के दशक के बाद दलाई लामा ने शुगदेन को प्रेत की संज्ञा देते हुए इस प्रैक्टिस पर स्वयं बैन लगा दिया। बौद्घ एवं बोन धर्म स्कॉलर एवं भारतीय इतिहास संकलन समिति के सदस्य वयोवृद्घ छेरिंग दोरजे की मानें तो मौजूदा दलाई लामा को विश्व के तमाम बौद्घ समर्थक सर्वोपरि मानते हैं। लिहाजा उनका कोई भी संदेश बौद्घ अनुयायियों के लिए ‘ब्रह्मवाक्य’ जैसा है। हालांकि बौद्घ लामा शुगदेन के अनुयायियों को मानने वाले लोग भी हैं।

सर्वेसर्वा हैं मौजूदा दलाई लामा

शांति के लिए सर्वोच्च नोबल पुरस्कार से समानित मौजूदा दलाई लामा तेंजिन ग्यात्सो मुख्यत: ग्यलुग सेक्ट प्रमुख हैं। मगर अपने धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव के चलते बौद्घ अनुयायियों ने उन्हें सर्वोच्च धर्मगुरु की संज्ञा दी। लिहाजा महामहिम दलाई लामा अब बौद्घ धर्म के चारों सेक्ट ग्यलुग, साक्या, निंगमापा और कग्युद का प्रभार देख रहे हैं। हालांकि बौद्घ परंपरानुसार (लाइनेज) करमापा लामा कग्युद सेक्ट के प्रमुख हैं।