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माता कौश्लया कल्याण स्कीम तहत वर्ष 2012-13 के लिए बीस करोड़ की राशि रखी गई - मित्तल

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चण्डीगढ़ 30-Nov-2012

नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं की मौत दर घटाने के यत्न करने के लिए पंजाब सरकार ने वर्ष 2011 दोरान माता कौश्लया कल्याण स्कीम शुरू की थी। इस स्कीम अधीन गर्भवती माँ को सरकारी अस्पताल में जनेपा करवाने के बाद हजार रूपये की राशि दी जाती है। इसलिए पंजाब सरकार की ओर से वर्ष 2011-12 दौरान 12 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई थी। इस बात का प्रगटावा करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मदन मोहन मित्तल ने किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010-11 दौरान सरकारी अस्पतालों में एक लाख चौदह हजार आठ सौ गयारह जनेपे हुए। इस स्कीम के प्रचलित होने के बाद वर्ष 2011-12 में सरकारी अस्पतालों में एक लाख सतावन हजान अठारह जनेपे हुए। इस स्कीम अधीन सरकारी अस्पतालों में जनेपे करवाने वालों मेें तीस से चालीस प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि हुई है और सरकारी अस्पतालों में जनेपा करवाने वालों का रूझान बढ़ा है। इस स्कीम अधीन 2011-12 में 74604 लाभपात्रियों को लाभ दिया गया और वर्ष 2012-13 (सितम्बर 2012 तक) दौरान 43059 लाभपात्रियों को लाभ दिया गया।उन्होंने बताया कि इस स्कीम तहत 1 अप्रैल 2011 के बाद अब तक 1 लाख 17 हजार 663 लाभपात्रियों को लाभ दिया गया है। कुछ कारणों के कारण और सरकारी अस्पतालों में जनेपे का रूझान बढऩे के कारण दिसम्बर 2011से 14 मई 2012 तक कुछ लाभपात्रियों को इसका लाभ प्राप्त नहीं हुआ था। पंजाब सरकार ने इस वर्ष उनकी बकाया राशि 3.85 करोड़ रूपये भी रलीज कर दी है और इस वर्ष 2012-13 के लिए भी बीस करोड़ रूपये की व्यवस्था की है। जिन लाभपात्रियों को 14 मई 2012 से पहले लाभ नहीं मिल सका उनको यह राशि प्रदान करने के लिए समूह सिविल सर्जनों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। 15 मई 2012 से माता कौश£या कल्याण स्कीम का लाभ लगातार दिया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में जनेपे की प्रथा प्रचलित होने के कारण मातृ एवं शिश की मौत दर में काफी कमी आई है। शिशू मौत दर वर्ष 2010 में 34 प्रति हजार थी। जोकि वर्ष 2011 में कम होकर 30 रह गई है। यह समस्त भारत में एक मिसाल बनी है। इसी तरह शिशु मौत दर में काफी कमी आई है।