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सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद राष्ट्रीय राजमार्गों पर शराब के ठेके हटाये : किरण चौधरी

5 दरिया न्यूज

चंडीगढ़ 02-May-2014

हरियाणा की आबकारी एवं कराधान मंत्री किरण चौधरी ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लंबित करों के  मामले के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे और अधिक सतर्कता से कार्य करें। यात्री तथा वस्तु कर अधिनियम के पर्वतन मामले में नियमित निरीक्षण किया जाए ताकि अवैध वाहनों की आवाजाई  पर कड़ी निगरानी रखी जाए।चौधरी आज यहां आबकारी एवं कराधान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री हरदीप कुमार, आबकारी एवं कराधान आयुक्त श्री सुधीर राजपाल, सभी जिलों के आबकारी एवं कराधान अधिकारियों के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। 

बैठक में श्रीमती चौधरी ने निर्देश दिये कि शराब की बोतलों पर डुप्लीकेट होलोग्राम की जांच के संबंध में रेंज स्तर पर विभाग के संबंधित अधिकारियों की कार्यशाला आगामी सप्ताह बुलाई जाए। बैठक में आबकारी एवं कराधान आयुक्त श्री सुधीर राजपाल ने इस बात से अवगत करवाया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद राष्ट्रीय राजमार्गों पर शराब के ठेके हटा दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि 711 ठेके राजीय राजमार्गों तथा 688 राष्ट्रीय राजमार्गों से हटाए जाने के कारण राज्य के राजस्व संघरण पर असर पड़ेगा। राजकीय आबकारी एवं कराधान नीति के अनुसार ठेकेदारों को दो वर्षों के ठेकों के स्थल आबंटित किए गए थे। अब उन्हें स्थल बदलने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त कोटा देने के भी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष आबकारी कर सग्रहण लगभग 2700 करोड़ रूपए रहा था। इस वर्ष न्यायालय के आदेशों के बाद ठेके हटाने के कारण 1340 करोड़ रूपए नुक्सान होने का अनुमान है। 

चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राष्ट्रीय राजमार्गों के निकट किसी भी प्रकार की शराब की अवैध बिक्री नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डिस्टलरी स्थापित करने के लिए दिये जाने वाले डी-2(एल०ओ०आई०) के लिए राजस्व कलैक्टर की रिपोर्ट की आवश्यक रूप से अनुपालना की जानी चाहिए। उन्होंने डिस्टलरियों द्वारा निर्धारित कोटे से कम उपयोग मे की जा रही स्प्रिट पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस कड़ी में हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए।चौधरी ने आबकारी अधिकारियों के आग्रह पर शराब के लिए परमिट जारी करने की अवधि में संशोधन को मंजूरी दी। अब राज्य के अंदर-अंदर परमिट की वैधता तीन दिनों की तथा अंतरराज्य के लिए एक सप्ताह की करने की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने परमिट पर सहायक आबकारी एवं कराधान अधिकारियों की बजाए जिला आबकारी एवं कराधान अधिकारी  के हस्ताक्षर को भी स्वीकृति प्रदान की।  

बैठक में श्रीमती चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अगले मास से खनन गतिविधिया आरंभ होने की संभावना है। इसके लिए विभाग को आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कराधान अधिकारियों को खनन स्थलों का दौरा कर वहां पर चैक पोस्ट इत्यादि स्थापित करने के  आवश्यक कमद उठाने चाहिए।बैठक में श्रीमती चौधरी को इस बात से अवगत करवाया गया कि वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान मूल्य संवर्धन कर तथा केन्द्रीय बिक्री कर के रूप में राज्य का कुल राजस्व संग्रहण 18687.22 करोड़ रूपए का रहा जो गत वर्ष की तुलना में 16.51 प्रतिशत अधिक है। श्रीमती चोधरी ने आर्थिक मंदी के बावजूद भी विभाग के इस लक्ष्य पर प्रसन्नता व्यक्त की और अधिकारियों की कार्यप्रणाली की सराहना भी की।चौधरी ने लंबित मामलों में दोषी फर्मों की संपत्तियां नीलाम करने के लिए मुख्यालय की बजाए स्थानीय स्तर के अधिकारियों को अधिकृत करने को कहा ताकि जल्द से जल्द नुक्सान की भरपाई हो सके। उन्होंने गत जनवरी माह में आयोजित बैठक के मुद्दों पर ली गई कार्य रिपोर्ट रिपोर्ट की भी समीक्षा की। उन्होंने उपभोक्ताओं को भी कर के महत्व के प्रति जागरुक करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये। गुडग़ांव के कराधान अधिकारी ने इस बात से अवगत करवाया कि उन्होंने इसके लिए सभी शॉपिंग मॉलज का सर्वे किया है और उपभोक्ताओं को पैम्फ्लेट के साथ-साथ स्थानीय समाचार पत्रों में भी विज्ञापन दिये हैं। फलस्वरूप 40 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। 

चौधरी ने कहा कि लंबित मामलों के शीघ्र निपटान के लिए मुख्यालय स्तर के अधिकारियों को तीन-तीन, चार-चार जिले आबंटित किए जाएं। उन्होंने कहा कि सम्पत्ति अटैचमैंट के मामलों में जहां-जहां निष्पादन होना है उनमें अधिकारियों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। बैठक में श्री सुधीर राजपाल ने इस बात से अवगत करवाया कि 3899.19 करोड़ रूपए का बकाया बाकी है। उन्होंने बताया कि दोषी फर्मों से मामले निपटान के समय बैंक गारंटी या सैक्योरिटी बौंड के रूप में गारंटी ली जानी चाहिए। श्रीमती चौधरी ने सिरसा में गलत तरीके से किए गए रिफंड के मामले में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए अधिकारी को निर्देश दिये कि ऐसे मामलों में किसी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं होगी। इसी प्रकार झज्जर में यात्री एवं वस्तु कर के मामले में हुई धाधली के मामले में कनिष्ठ कर्मचारियों की बजाए वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि कोताही बरतने के मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने दो माह के अंदर-अंदर अगली बैठक तक सभी लंबित मामलों की विस्तृत रिपोर्ट के साथ जानकारी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि परचून का सामान लेजाने वाले ट्रकों, ऑयल टैंकर्स तथा किसानों के नाम पर खाद्यान लेजाने वाले ट्रकों पर विशेष निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि यात्री एवं वस्तु कर मामलों को देखने वाले कर्मचारियों को छह-छह महीने में तबादला किया जाए।