5 Dariya News

शाहजाह में फांसी की सजा पाने वाले चार नौजवानों के लिए मसीहा बने डाक्टर ओबेरॉय

रिहाई के बाद वापस पंजाब पहुंचा गुरप्रीत सिंह, हवाई अड्डे पर गुरप्रीत सिंह परिजनों से मिला, जज्बातों पर काबू नहीं कर पाया गुरप्रीत

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अमृतसर 22-Mar-2024

देश विदेश में जरूरतमंद लोगों के लिए मसीहा बन पहुंचे समाजसेवी व कारोबारी डॉक्टर एसपी सिंह ओबेरॉय द्वारा एक भारतीय व तीन पाकिस्तानी युवाओं को शारजाह (दुबई) में फांसी की सजा माफ करवाने वापिस भर भेजा जिनमे से पंजाब के गुरदासपुर का नौजवान गुरप्रीत सिंह आज अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा।

गौरतलब है कि इन चारों युवकों को 2019 से शारजाह में एक अन्य भारतीय युवक की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था।  इन युवाओं में भारतीय पंजाब के गुरदासपुर जिले से गुरप्रीत सिंह और पाकिस्तानी पंजाब से ताल्लुक रखने वाले राव मोहम्मद आदिल, राणा ताबिश राशिद और आदिल जावेद चीमा शामिल हैं।  गुरदासपुर जिले के गांव शेखूपुर के गुरप्रीत सिंह के परिवार ने सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की अमृतसर इकाई से संपर्क करने के बाद डॉ. एसपी. सिंह ओबेरॉय ने इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया।

जिसकी दो साल की सुनवाई के बाद शारजाह कोर्ट ने इन चारों युवकों को मौत की सजा सुनाई।  बलाचौर के पास मारे गए युवक के माता-पिता से लंबे संपर्क के बाद डॉ. एस.पी. सिंह उबराय उन्हें ब्लड मनी स्वीकार करने के लिए मनाने में कामयाब रहे।  इस समझौते के बाद शारजाह कोर्ट में जजों की मौजूदगी में डॉ. उबराय ने मौके पर ही मृतक युवक के परिजनों को ब्लड मनी के तौर पर 2 लाख ड्राम (करीब 46 लाख भारतीय रुपये) सौंपे और युवक की मौत की सजा माफ कर दी।

पीड़ित परिवार से दोषी युवक की मंजूरी ली गई चारों युवाओं के परिवारों के योगदान के अलावा, डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय ने इस ब्लड मनी का एक बड़ा हिस्सा भी दिया।  इस मामले को लेकर डॉ उबराय ने बताया कि शारजाह कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए उक्त चारों युवकों को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है।जिसके बाद शारजाह जेल से रिहा हुए परमजीत सिंह के बेटे गुरप्रीत सिंह आज सुबह अमृतसर के गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां उनकी मां बलजीत कौर और पत्नी मेघा सहित उनके परिवार के सदस्यों ने भावपूर्ण स्वागत किया।  

पांच साल की अवधि के बाद मौत की सजा से बचे गुरप्रीत और परिवार के दोबारा मिलने के पर भावनाओं के अविरल प्रवाह ने सभी की आंखें नम कर दीं।  गौरतलब है कि गुरप्रीत के पिता परमजीत सिंह करीब दो साल पहले से ही अपने बेटे से मिलने का इंतजार कर रहे थे लेकिन वह यह पल देख नही सके और उनकी मौत हो गई। अमृतसर पंहुचने के बाद गुरप्रीत सिंह और उनके परिवार ने गुरप्रीत की जान बचाने वाले सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डॉ. एसपी सिंह उबराय का विशेष धन्यवाद व्यक्त किया ।  

उन्हें एक देवदूत बताया, जिसने राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर बच्चों की जान बचाई।  गुरप्रीत के मुताबिक, डॉ. ओबेरॉय अन्य देशों में फंसे सैकड़ों लोगों के लिए भगवान के दूत के रूप में काम करते हैं।  इस मौके पर सरबत दा भला ट्रस्ट माझा जोन इकाई के अध्यक्ष सुखजिंदर सिंह हेर, सलाहकार सुखदीप सिंह सिद्धू, महासचिव मनप्रीत संधू, शीशपाल सिंह लाडी और नवजीत सिंह घई भी मौजूद थे।  यहां बता दें कि सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डॉ. ओबेरॉय के प्रयासों से 2010 से अब तक 138 लोगों को फांसी या 45 साल तक की लंबी सजा से रिहा किया जा चुका है।