5 Dariya News

सदन में भाजपा सरकार जितने बिल लाती है उतने ही घोटाले साथ लेकर आते हैं: अभय सिंह चौटाला

कहा - सरकार ने स्वयं माना है कि सहकारिता विभाग में यह घोटाला 100 करोड़ रूपए से उपर का है और अकेले मंत्री के जिले में 22 करोड़ रूपए का मामला है

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चंडीगढ़ 28-Feb-2024

बजट सत्र के दौरान सदन में सहकारी परियोजना घोटाले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए इनेलो प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सहकारिता मंत्री के जवाब से यह स्पष्ट लगता है कि जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा भ्रष्टाचारियों को बचाना कोई नई बात नहीं है। 

इससे पहले भी भ्रष्टाचार में शामिल जिन अधिकारियों को जेल जाना पड़ा और जैसे ही वो जमानत पर आए तुरंत बहाल कर दिए गए और उन्हें अच्छी पोस्टों पर लगा दिया गया। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सरकार ने स्वयं माना है कि यह घोटाला 100 करोड़ रूपए से उपर का है और अकेले मंत्री के जिले में 22 करोड़ रूपए का मामला है। 

उन्होंने कहा कि इस घोटाले में बड़ी बात यह है कि किसी भी कोऑपरेटिव सोसाइटी से यह नहीं पूछा गया कि आपके यहां पर गोदाम बना दिए जाएं। किसी से जगह नहीं मांगी गई। अपनी मनमर्जी से फर्जी सोसाइटियां बना करके गोदाम बनाने के नाम पर पैसा खाने का काम किया गया। जिस नरेश गोयल का इस घोटाले में नाम आ रहा है वो 2014 से इसी पद पर है और वो ही दस्तखत करने की अथॉरिटी है, उसके हस्ताक्षर से ही पैसा निकलता है। 

उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि वो संघ का आदमी है। मंत्री ने सदन में कहा है कि उन्होंने थोड़े दिन पहले ही ऑडिट के लिए एजेंसियों को लिखा है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष सभी सरकारी विभागों में ऑडिट होता है और मंत्री से पूछा कि आपको इस बात की भी जानकारी नहीं है कि आपके विभाग में ऑडिट हो रहा है या नहीं? 

सरकार अपने 10 साल के कार्यकाल की जानकारी तो दे नहीं पा रहे कि कितना पैसा खा गए। उपर से केवल लिपा पोती के लिए एक और आदेश जारी किया है कि अब 1995 से लेकर अब तक का ऑडिट करवाएंगे। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जब जब विधानसभा का सत्र आया है उसमें सरकार जितने बिल लाती है उतने ही घोटाले साथ लेकर आते हैं। बिलों को तो बहुमत से पास कर दिया जाता है, लेकिन घोटालों पर आज तक कोई जांच नहीं हुई।

उन्होंने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर प्रश्न पूछा कि मंत्री यह बताएं कि इतने सालों से इसका ऑडिट क्यों नहीं हुआ? किस कारण से ऑडिट नहीं करवाया गया? जो सिग्नेचर अथॉरिटी है उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? अगर कोई कार्रवाई नहीं की तो क्यों नहीं की? उस व्यक्ति को क्यों बचाया जा रहा है? उन्होंने कहा कि इस मामले में केवल नीचे वाले कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है। जो लोग इसमें शामिल हैं उनके नाम उजागर किए जाएं।