5 Dariya News

सदन में बजट पर चर्चा के दौरान अभय सिंह चौटाला ने बीजेपी और जेजेपी को घेरा

34 हजार करोड़ रूपए का कर्ज सिर्फ ब्याज चुकाने के लिए लिया गया है : अभय सिंह चौटाला

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चंडीगढ़ 27-Feb-2024

बजट पर चर्चा के दौरान सदन में बोलते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इस बजट में 6 हजार करोड़ रूपए की बढोतरी की है और कर्ज लगभग 34 हजार करोड़ रूपए लिया है तो फिर इस बजट में अच्छा क्या है? प्रदेश को कर्ज में डूबो कर प्रदेश को दिवालिया कर दिया। 2021-22 के बजट में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी उसके बाद के जितने भी बजट आए हैं उनमें मात्र 3-3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। 

अब प्रदेश के उपर 3 लाख 17 हजार करोड़ रूपए का कर्ज हो गया है। 34 हजार करोड़ रूपए का कर्ज सिर्फ ब्याज देने के लिए लिया गया है। सरकार 60 हजार करोड़ रूपए की सालाना कर्ज की अदायगी करती है और बजट का एक तिहाई हिस्सा इसमें चला जाएगा। बाकी बचा हुआ पैसा तनख्वाह और अन्य खर्चों में चला जाएगा। इसका मतलब विकास पर तो पैसा खर्च ही नहीं होगा।

पिछले बजट का पैसा सभी विभागों में लैप्स हुआ है। जब किसी भी विभाग में कोई पैसा लैप्स होता है तो अगले वर्ष केंद्र सरकार की तरफ से कटौती करके मिलता है। अगर पैसा पूरा खर्च होता है और उसके बाद और पैसों की मांग की जाती है तो अगली बार केंद्र की तरफ से 4-5 प्रतिशत बढ़ा के दिया जाता है। सरकार विकास के काम करवाने में गंभीर नहीं है। 

अगर गंभीर होती तो हर विभाग में पैसा लैप्स होने के बजाय और पैसों की मांग होती। कृषि के लिए 2022-23 में कुल बजट का 11.80 प्रतिशत था लेकिन इस वर्ष उसको कम करके 11.52 प्रतिशत कर दिया गया। .28 प्रतिशत की कमी कर दी गई। इसी तरह से शिक्षा और खेल में पिछले वर्ष के मुकाबले .3 प्रतिशत की कमी कर दी गई। ग्रामीण विकास में .9 प्रतिशत की कटौती की गई।

कानून व्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था का तो पूरी तरह से दिवालिया पिटा हुआ है। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की निर्मम हत्या करने में किसी गैंग की कोई भूमिका नहीं है बल्कि यह बीजेपी गैंग का काम है। नफे सिंह राठी जिनकी हत्या कर दी गई हमारे सदन के सम्मानित सदस्य रहे हंै और उन्होंने मरने से पहले बकायदा एसपी को चार लोगों के नाम लिख कर दिए थे जिनसे उनको जान का खतरा था। उन्होंने अपने लिए सुरक्षा देने की गुहार लगाई थी लेकिन उनको सुरक्षा नहीं दी गई।  जिन चार लोगों के नाम एफआईआर में लिखाए गए उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा तो मुख्यमंत्री की तरफ से कहा गया कि ये तो बीजेपी के लोग हैं। 

तो क्या बीजेपी को इस बात की छूट है कि वो जिसको मर्जी सुपारी देकर मरवाने का काम करेंगे। इसका मतलब बीजेपी ने अपने संगठन में एक नया सैल बना लिया जिसके तहत जिसकों मर्जी मरवा दो। उन्होंने कहा कि मुझे खुद को धमकी मिली थी जिसकी सूचना जींद के एसपी को देने पर मेरी सुरक्षा बढ़ाई गई लेकिन दो दिन बाद ही हटा दी गई। 

गृह मंत्री से पूछना चाहता हूं कि जींद एसपी को जो दर्खास्त मेरी तरफ से दी गई थी उसपर अब तक क्या कार्रवाई की गई है? मुझे आजतक कोई भी सूचना आपकी तरफ से क्यों नहीं आई? बाकी और भी विधायकों को धमकियां मिली थी उनकी जानकारियां आपने उपलब्ध कराई या नहीं? मुझे आज ही सदन में जवाब दिया जाए कि पिछले आठ महीने में मेरी दर्खास्त देने के बाद क्या कार्रवाई की?

सदन में उन्होंने आबकारी विभाग से संबंधित एक नए घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि एक और नया माफिया खड़ा किया जा रहा है। पहले एक शराब माफिया था जो गोदामों से खिडक़ी तोड़ कर शराब की चोरी करके उसे बेचने का काम करता था। अब एक पॉलिसी और बन रही है जिसे तहत जबरदस्ती यह थोपा जा रहा है कि प्लास्टिक की बोतल को बंद करके शीशे की बोतल में शराब बेची जाएगी। 

जबकि प्लास्टिक की बोतल में शराब पूरे देश में बिकती है और एफडीए की तरफ से उसकी मंजूरी होती है। इस पॉलिसी से शराब और महंगी हो जाएगी जिसके कारण शराब का माफिया सक्रिय हो जाएगा और पड़ोसी प्रदेश से शराब की तस्करी बढ़ जाएगी। उन्होंने खुलासा किया कि यह पॉलिसी एक महिला जिसका नाम दीपिका सांगवान है, जो कहती है कि वो मंत्री की बुआ है, उसको लाभ पहुंचाने के लिए बनाई जा रही है।वो महिला शराब फैक्ट्री के मालिकों से कहती है कि उससे शराब की बोतलें लेने का कांट्रैक्ट कर लें और शीशे की बोतलें वो सप्लाई करेगी। 

शीशे की बोतल से सरकार या फैक्ट्री मालिकों को कोई लाभ नहीं होगा। केवल और केवल माफिया को लाभ होगा। मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने गृह मंत्री को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि तुमने प्रदेश का सत्यानाश कर दिया। कानून व्यवस्था पूरी तरह से खत्म करके रख दी। अगर सही मायने में सरकार प्रदेश की हितैषी है तो जो शराब घोटाला हुआ था और उसकी तीन अलग-अलग जांच हुई थी, उनकी रिपोर्ट सदन पटल पर रखे। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा जब जांच सदन में रखी जाएगी।