5 Dariya News

मुंतजिर का इंतजार खत्म, जनरल वी पी मलिक डॉ. के.के. रत्तू, ने किया लोकार्पण

चंडीगढ़ के एडवोकेट और कवि जतिन सलवान की उर्दू रचना है मुंतज़िर, हिंदी-उर्दू साहित्य के मूल्यवान संग्रह में पिरोया गया एक और नया मोती

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चंडीगढ़ 10-Feb-2024

प्रसिद्ध कवि जतिन सलवान का नया काव्य संग्रह 'मुंतज़िर' का 'इंतजार' अब खत्म हो गया। इस उर्दू काव्य संग्रह का लोकार्पण पंजाब कला परिषद के अध्यक्ष  जनरल वी पी मलिक ने पंजाब कला भवन में किया। इस मौके पर जनरल वीपी मलिक, पीवीएसएम, एवीएसएम और पूर्व सेना प्रमुख, डॉ. के.के. रत्तू, भारतीय प्रसारण सेवाओं के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी, डीएवी विश्वविद्यालय, जालंधर के मीडिया अध्ययन के पूर्व निदेशक, जेएनयू जयपुर और आरबीयू मोहाली, बलकार सिद्धू, पंजाबी लेखक सभा के अध्यक्ष और फोक डांसर और थियेटर कलाकार, प्रकाशक हरदीप चंदपुरी और कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने 'मुंतज़िर' का अनावरण करने के लिए मंच साझा किया।

इस मौके पर जनरल मलिक ने कहा कि जिस तरह से उनकी पिछली पुस्तक 'फूड़ी ' के साथ, जतिन के शब्द हम सबके दृश्यपटल पर असाधारण छवियों को उकेरते हुए महसूस होते हैं  उसी प्रकार मुंतजिर का एक एक  शब्द एक पेंटिंग के रूप में है, जो भावनाओं की चित्रपट में गहराई और संस्मरण के रंगों के साथ  ताजगी के अहसास के साथ पाठक की रूह तक असर दिखायेगा। इस मौके पर एक प्रसिद्ध हिंदी लेखक और 75 पुस्तकों के लेखक, जयपुर के  डॉ. के.के. रत्तू  ने कहा कि विकसित हो रहे आधुनिक समाज में, जतिन के शब्द असाधारण दृष्टिकोण हैं जो अनकहे दिल की गहराइयों के  पार असर करते हैं। 

काव्यांजलि' के संस्थापक और मोटिवेशनल स्पीकर अमूल्य शुक्ला के साथ बातचीत में, जतिन सलवान ने कहा कि मुंतजिर  पिछले 25 वर्षों में लिखी गई मेरी कविताओं का संग्रह है जो  आत्मा की गहराइयों में उतर जीवन के उतार-चढ़ाव में स्मृति उकेरती है। उन्होंने कहा हमारे  जीवन रूपी  थियेटर में प्रत्येक धड़कन एक संकेत है की  हम सब  पहले पायदान पर  हैं, अगले सीन का इंतजार कर रहे हैं। जन्म से मौत तक, हम सभी किसी न किसी विशेष  खोज में रहते हैं जो हमारे जीवन में आनंद व् खुशियों की बहार लाएगा । उन्होंने यह भी कहा  कि अगर हम पूरे जीवन  तूफान का इंतजार करते रहें, तो हम कभी भी सूर्य का आनंद नहीं उठा सकते।

प्रोफेसर अर्चना आर सिंह, स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन स्टडीज पीयू ने इस मौके पर पुस्तक से पसंदीदा कविताओं की पंक्तियां  सुनाईं। इससे पहले, मेहमानों का स्वागत करते समय, बलकार सिद्धू ने जतिन के विचारों के भावपूर्ण व्यक्तित्व की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि इससे कवि की संवेदनशीलता का परिचायक होगा, जो शब्दों को कुछ इस प्रकार  पिरोते  है, जो पाठक के मन और भावनाओं के साथ निश्चित रूप से संबंध बना लेता है । यह कार्यक्रम एक सुरीली ध्वनि के साथ प्रस्तुत किया गया जो जतिन सलवान के यात्रा के पदचिन्हों पर एक शानदार सिनेमैटिक बायोपिक के साथ था, जो राष्ट्रीय 'रजत कमल' पुरस्कार प्राप्तकर्ता ओजस्वी शर्मा द्वारा लिखा, निर्मित और निर्देशित किया गया था।

जतिन सलवान वैसे तो पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट  के वकील हैं। एक संवेदनशील इंसान और कवि भी हैं, जो न सिर्फ लिखते, चित्रित करते, स्केच करते हैं, बल्कि एक उत्सुक पर्यावरण विद्यार्थी भी हैं जो सभी को अपना   प्रिय उपहार  पौधा भेंट करते हैं , और शहर के कई बंजर  क्षेत्रों में हजारों पेड़ लगाए जाने का श्रेय  भी उनको दिया जाता है। उनकी पहली पंजाबी कविता की पुस्तक, 'फूड़ी ', 2022 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें सुरजीत पातर  का पूर्ववर्ती लेख भी था, जिसे साहित्यिक गलियारे में खूब सराहा गया था। बायोपिक की टीम  में ओजस्वी शर्मा, संगीत निर्देशक नवजोत सियान, पोस्ट-प्रोडक्शन के मुख्य भास्कर पांडेय, सिनेमेटोग्राफर संदीप कुमार, और बाल कलाकार संवी शर्मा भी इस अवसर पर सम्मानित किए गए।

इस मौके पर मौजूद लोगों में महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों में जनरल वी पी मलिक, पूर्व सेना प्रमुख, और उनकी पत्नी रंजना मलिक, आर एस चीमा, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता, शिक्षाविद, ट्राई सिटी  से साहित्य प्रेमियों, पंजाब कला परिषद के सदस्य, पंजाबी लेखक सभा, चंडीगढ़ साहित्य अकादमी, उपन्यास समूह, चंडीगढ़ साहित्य समाज, मित्र और परिवार शामिल थे। इस कार्यक्रम के मुख्य प्रस्तुतकर्ता  सर्वप्रिय निर्मोही रहे , जो एक प्रसिद्ध और सुंदर आवाज़ के  प्रसारक हैं। पंजाबी लेखक सभा के सचिव भूपिंदर मलिक ने मौजूद सभी को आभार प्रकट किया।